Sunday, March 16, 2025
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पवित्रता, सरलता, ब्रह्मचर्य और अहिंसा ही शारीरिक तपस्या है : अर्द्धमौनी 

 

मुरादाबाद। बुआ दाती पार्क, बुद्धि विहार में श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के तृतीय दिवस कथा व्यास श्रद्धेय धीरशान्त दास अर्द्धमौनी जी ने बताया कि विद्वता और राज्य अतुलनीय हैं, राजा को तो अपने राज्य में ही सम्मान मिलता है पर विद्वान का सर्वत्र सम्मान होता है। यदि लोग बुराई के बदले बुराई करना छोड़ दें तो बुराई की परम्परा कुछ ही समय में नष्ट हो जायगी और फिर सभीमें सब ओर भलाई-ही-भलाई भर जायगी। इसलिये बुराई करने वाले के साथ जी-भरकर भलाई करो, निन्दा करने वाले में भी गुणों को खोजकर उनकी प्रशंसा करो, गाली देने वालों को आशीर्वाद दो, मारने वालों के लिये भगवान् से प्रार्थना करो और अपने मन को सदा ही सद्भावना से भरा रखो, जिसमें वह किसी की बुराई के बदले में बुराई करने की कल्पना भी न कर सके।

हरिकृपा से ही हमारा कल्याण होगा। अपना उद्धार होगा, कल्याण होगा, परमात्मा की प्राप्ति होगी, जीवन्मुक्ति होगी। हरिकृपा से जो काम होता है, वह अपनी चेष्टा से नहीं होता। इसलिये भगवान् की कृपा का भरोसा रखो। कृपा होगी उत्कण्ठा से, जोर की प्यास होती है तो पानी मिलता है। ऐसे ही हमारी कल्याण की उत्कण्ठा होती है तो कल्याण होता है। होता है भगवान् की कृपा से। कैसे होता है, यह बात भगवान् ही जानते हैं।

 

 

हम सब कृपाका आश्रय लें और हरिकृपा से ही हमारा कल्याण होगा। यह विश्वास भीतर बढ़ाएँ । जितना अधिक विश्वास होगा, उतनी आपको शान्ति मिलेगी। भगवान् की कृपा पर विश्वास होनेसे शान्ति मिलती है, इसमें सन्देह की बात नहीं है। सिवाय भगवान्‌ की कृपा के कोई बल लगाकर अपना कल्याण कर ले, यह हाथ की बात नहीं है। कृपा कैसे होती है- इसका कुछ पता नहीं। उत्कण्ठा ज्यादा दीखती है, काम नहीं होता, उत्कण्ठा कम दीखती है, काम हो जाता है! इस विषय में हमारी अक्ल काम नहीं करती। जहाँ जल की जरूरत नहीं है, वहाँ समुद्र आदि में भी मेघ बरस जाता है। इसलिये लोगों को कृपा पर विश्वास रखना चाहिए।

कथा में पवन त्रिवेदी, पंकज शर्मा, मुनीश चन्द्र कौशल, नीतू कौशल, प्रियंका गौड़, मोहित गौड़, कल्पना गौतम, भावना शर्मा, ज्योति सक्सैना, विनीता गुप्ता, आराध्या शर्मा, कपिल कौशल, रवि शर्मा, आशू सक्सैना, प्रीति देवी दासी, रीना ठाकुर, नीलम सक्सेना, अमित शर्मा, राज टण्डन, विजय अग्रवाल, पं० प्रेम शंकर शर्मा, कृष्णार्पित दास, महाजन प्रेमी दास, मुकुल अग्रवाल, निमेष गौड़, मोनू अग्रवाल आदि रहे।