Wednesday, September 17, 2025
उत्तर प्रदेशदेशराजनीति

No-Confidence Motion: तीखे वार-पलटवार के बीच आज सदन में बोलेंगे पीएम मोदी

 

 

मणिपुर समेत अन्य मसलों पर संसद गरम है. विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) पर दो दिन की चर्चा के बाद अब बारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के भाषण की है. पीएम मोदी गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा का संसद में जवाब देंगे. पीएम के संबोधन का हर किसी को इंतजार है. माना जा रहा है कि पीएम आज विपक्षी नेताओं के हर एक आरोप पर चुन-चुनकर जवाब देंगे और करारा हमला बोलेंगे. इससे पहले भी पीएम ने संसद में विपक्षी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया है. आज फिर वही मौका है. मणिपुर के मुद्दे पर पीएम के भाषण की मांग को लेकर विपक्ष सदन का बहिष्कार करता रहा है.

 

बता दें कि विपक्षी की तरफ से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने 26 जुलाई को एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया था. यानी पहले चर्चा और फिर सरकार को लोकसभा में बहुमत सिद्ध करना है. हालांकि, एनडीए सरकार के पास 331 सांसदों के साथ बहुमत है, जिसमें बीजेपी के पास 303 सांसद हैं. जबकि विपक्षी गुट I.N.D.I.A के पास कुल 144 सदस्य हैं. वहीं, गैर-गठबंधन दलों के सांसदों की संख्या 70 है. स्पष्ट है कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिरना तय है.

 

बताते चलें कि कोई भी लोकसभा सांसद (जिसके पास 50 सहयोगियों का समर्थन हो) किसी भी समय मंत्रिपरिषद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है. DMK, TMC, NCP, JDU, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और वाम दलों ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया है. इसके अलावा, भारत राष्ट्र समिति के सांसद नामा नागेश्वर राव ने भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. 20 जुलाई से शुरू हुआ मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा.

 

10 अगस्त को दोपहर 12 बजे से सदन में फिर से अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होगी. शाम 4 बजे पीएम नरेंद्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में जवाब देंगे. पीएम के भाषण के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी. मोदी सरकार के खिलाफ यह दूसरा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. इससे पहले 20 जुलाई 2018 को तेलुगू देशम पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लाई थी.

 

मणिपुर को लेकर क्या सवाल कर रहा विपक्ष?

 

– विपक्ष का कहना है कि प्रधानमंत्री अब तक मणिपुर क्यों नहीं गए?

 

 

– मणिपुर पर पीएम को पहली बार बोलने में 80 दिन क्यों लग गए? सिर्फ 30 सेकेंड का बयान दिया और हिंसा पर नहीं, बल्कि हैवानियत के वीडियो पर दुख जताया. ना सहानुभूति जताई और ना मणिपुर में शांति की अपील की.

 

 

– मणिपुर के सीएम को बर्खास्त क्यों नहीं किया गया? मणिपुर के सीएम ने खुद स्वीकार किया है कि राज्य में बड़ी घटनाएं हुई हैं.