मध्यप्रदेश में हार का इफेक्ट, कांग्रेस आलाकमान ने मांगा कमलनाथ का इस्तीफा
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की हार के बाद आलाकमान हमेशा की तरह एक्शन मोड में है। सूत्रों के मुताबिक हाईकमान ने कमलनाथ से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफा मांगा है। सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान हमेशा की तरह इस बार भी कार्रवाई का मन बनाता दिखाई दे रहा है।
आलाकमान को लगता है कि बीजेपी के शिवराज सिंह चौहान जैसी सक्रियता कमलनाथ में नहीं दिखाई। कमलनाथ को पार्टी ने राज्य में सीएम का चेहरा घोषित किया हुआ था। आलाकमान ने उन्हें पूरी छूट दी थी, लेकिन नतीजे कांग्रेस के पक्ष में बिल्कुल नहीं गए। बीजेपी ने रविवार को मध्यप्रदेश विधानसभा की 230 सीटों में से 163 सीटें जीतकर दो-तिहाई बहुमत हासिल कर लिया। जबकि, कांग्रेस 66 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। इसके बाद से कांग्रेस के खेमे में हलचल है। वहीं अब पार्टी आलाकमान हर बार की तरह इस बार भी एक्शन मोड में आ गया है।
खबरों के मुताबिक कमलनाथ से मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की मांग हाईकमान की तरफ से की गई है। दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के केंद्र बिंदु पीसीसी चीफ कमलनाथ ही रहे। जानकारों का ये भी कहना है कि इसका भी कांग्रेस को नुकसान हुआ है। साथ ही इसके और भी कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि कमलनाथ अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे, लेकिन प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते उनके नेतृत्व में पार्टी को भारी हार का सामना करना पड़ा। वहीं कमलनाथ का गढ़ कहे जाने वाले महाकौशल में भी इस बार बीजेपी ने सेंध लगा दी।
हालांकि पिछले चुनाव की तरह इस बार भी कांग्रेस छिंदवाड़ा जिले की कमलनाथ के प्रभाव वाली सभी 7 सीटें जीतने में कामयाब हुई है, लेकिन महाकौशल में उसे 8 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है।
बता दें कि मध्य प्रदेश के महाकौशल इलाके में जबलपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, सिवनी, नरसिंहपुर, मंडला, डिंडोरी और कटनी जिले आते हैं। इन 8 जिलों में कुल 38 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें इस बार बीजेपी के 21 उम्मीदवार चुनाव जीतकर एमएलए बने हैं। पीसीसी चीफ कमलनाथ के साथ कांग्रेस के 17 उम्मीदवार जीतने में कामयाब हुए है। कमलनाथ सरकार में वित्त मंत्री तरुण भनोट और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति के साथ पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे को भी हार का सामना करना पड़ा है।