Thursday, December 12, 2024
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वर्षा जल के संग्रहण के उपलब्ध तरीकों को अपनाने की आवश्यकता

मुरादाबाद। पुनीत सागर अभियान के अंतर्गत आज केजीके महाविद्यालय में एनसीसी कैडेट्स के लिए जल ही जीवन है… विषय पर एक परिचर्चा कराई गई जिसमें मुख्य वक्ता के रुप में डॉ जी सी पाण्डेय और डॉ डी के सिन्हा ने कैडेट्स को जीवन में जल की महत्ता के विषय में बताया। कैप्टन डॉ ममता सिंह ने बताया कि पृथ्वी पर जल स्तर लगातार घटता जा रहा है,यह एक चिन्ता का विषय है। यदि हम अभी भी जल की बर्बादी करते रहे तो हमारा वर्तमान और भविष्य दोनों ही संकट में आ जायेंगे। इसीलिए एनसीसी कैडेट्स को जल संरक्षण के विषय में जागरुक किया जा रहा है जिससे ये कैडेट्स जन सामान्य को जल संरक्षण के विषय में बतायें और जल की बर्बादी को कम किया जा सके।

आज की परिचर्चा में समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ गिरीश चन्द्र पाण्डेय जी ने कहा कि देश में पानी की उपलब्धता लगातार कम होती जा रही है। इसका मुख्य कारण लोगों के बीच जल संरक्षण को लेकर जागरूकता का अभाव है। साथ ही हमारे शहरों में जल संसाधन के पुनर्प्रयोग के लिए कोई व्यवस्था अभी नहीं है।

डॉ डी के सिन्हा जी ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम वर्षा के पानी को अधिक से अधिक बचाने की कोशिश करें क्योंकि जल का कोई विकल्प नहीं है, इसकी हर बूंद अमृत है। अतः वर्षा जल के संग्रहण के उपलब्ध तरीकों को अपनाने की आवश्यकता है।

 

एनसीसी कैडेट्स ने जल संरक्षण पर पोस्टर बना कर अपने पोस्टर के माध्यम से जल संरक्षण पर विचार व्यक्त किए। परिचर्चा में इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ एस के पन्त जी ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के अन्त में कैप्टन डॉ ममता सिंह ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।