Monday, September 16, 2024
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मानव अस्तित्व के लिए प्रकृति से करे दोस्ताना व्यवहार: ज्योति बाबा 

 

कानपुर। विभिन्न शोधों से पता चला है की प्रकृति से जुड़ाव रखने वाले संवेदनशील लोग पर्यावरण वन्यजीवों आदि के प्रति सकारात्मक व्यवहार करने की अधिक संभावना रखते हैं अगर आप भी प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हैं तो अपनी रोजाना की जिंदगी में पृथ्वी की रक्षा के लिए छोटे-छोटे बदलाव लाइए,उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल का के अंतर्गत विश्व पृथ्वी दिवस के परिप्रेक्ष्य में आयोजित मानव श्रृंखला शीर्षक मिट्टी है।

जीवन की दौलत पर अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख व नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल का के नेशनल ब्रांड एंबेसडर योग गुरु ज्योति बाबा ने कही,ज्योति बाबा ने आगे कहा कि पृथ्वी की रक्षा के लिए जैसे प्रकृति के लिए वॉलिंटियर बनकर अपने आसपास की सफाई पर ध्यान देते हुए दूसरों को भी शिक्षित करें ऊर्जा का उपयोग कैसे कम हो इस पर विचार करते हुए लंबे समय चलने वाले प्रकाश बल्बों का प्रयोग करें प्रकृति की रक्षा का आसान तरीका घर पर पानी का संरक्षण करना है स्थानीय व मौसमी चीजें खरीद कर आप पर्यावरण की मदद कर सकते हैं।

ज्योति बाबा ने आगे कहा कि वैज्ञानिक आंकड़ों की रोशनी में संयुक्त राष्ट्र की संस्थाएं कह रही हैं कि धरती पर मिट्टी सिर्फ 80 सालों तक की खेती के लायक ही बची है अगर ऐसा होता है तो धरती पर खाद्य समस्या पैदा हो जाएगी हमने जीवन अर्थव्यवस्था और दुनिया के बारे में जो आकर्षक सोच बना रखी है वह अब काम आने वाली नहीं है क्योंकि ऊपर की मिट्टी की 12-15 इंच तक की परत इस धरती पर 87 फ़ीसदी जीवन का आधार है जिसमें हम भी शामिल हैं। पेड़ पौधे जानवर पक्षी कीड़े यह सभी मिट्टी की ऊपरी समृद्धता पर पनपते हैं लेकिन उपभोग रूपी हवस के कारण हमने मानव के जीवन पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।

ज्योति बाबा ने आगे कहा कि आध्यात्मिकता का असल मतलब एक सर्व समावेशी अनुभव से है जब एक सर्व समावेशी अनुभव मौजूद होता है तो अपने आसपास हर चीज की चिंता और परवाह करना बहुत स्वाभाविक बात है क्योंकि अपने अंदर झांकने पर स्वाभाविक एहसास होता है कि उसका अस्तित्व व बाहर का अस्तित्व अलग नहीं है अपने को समावेशी चेतना से आंदोलित करते हुए हर तरह से सक्षम आज का इंसान धरती के बुनियादी मुद्दों का जरूरी हल खोज सकता है।

मानवाधिकारवादी गीता पाल व प्रदेश उपाध्यक्ष अंजू सिंह ने कहा कि मानवता के इतिहास में ऐसा पहली बार है कि हमने उस धरती को बचाने के लिए बात करनी पड़ रही है जिसने इंसान की लाखों पीढ़ियों को पोषित किया है हमने कभी नहीं सोचा था कि सबको पोषित करने वाली धरती को बचाने का की जिम्मेदारी हम पर आएगी,कोऑर्डिनेटर कुंवर बहादुर सिंह ने कहा की एक अच्छी धरती के बिना कोई जीवन अच्छा नहीं होगा लेकिन विकास और अर्थव्यवस्था की हमारी सोच हमें इस हकीकत से दूर ले गई है वेबीना स्वास्थ्य सभा का संचालन अंशु सिंह सेगर व धन्यवाद टीचर गौरव सैनी ने दिया। अन्य में प्रमुख भोला जैन, पंकज गुप्ता एडवोकेट ,प्रीती सिंह,अमर सिंह, शिवम सिंह, विवेक रोहित कुमार इत्यादि थे।