मनुष्य को कृष्ण भावनात्मक कार्यों से जीवन को नियंत्रित करना चाहिए: धीरशान्त दास
मुरादाबाद। दुर्गा मन्दिर, बुधबाजार, सुमन भवन, रामस्वरूप कालोनी एवं हरे कृष्ण चौक नवीन नगर में आयोजित श्रीगीता भागवत सत्संग में भजनोपदेशक श्रद्धेय धीरशान्त दास अर्द्धमौनी ने बताया कि यदि इस शरीर को त्यागने के पूर्व कोई मनुष्य इन्द्रियों के वेगों को सहन करने तथा इच्छा एवं क्रोध के वेग को रोकने में समर्थ होता है, तो वह इस संसार में सुखी रह सकता है।
यदि कोई आत्म-साक्षात्कार के पथ पर अग्रसर होना चाहता है तो उसे भौतिक इन्द्रियों के वेग को रोकने का प्रयत्न करना चाहिए | ये वेग हैं वाणीवेग, क्रोधवेग, मनोवेग, उदरवेग आदि से अपने को बचाना चाहिए।
भौतिक इच्छाएँ पूर्ण न होने पर क्रोध उत्पन्न होता है और इस प्रकार मन, नेत्र तथा हृदयस्थल उत्तेजित होते हैं। अतः इस शरीर का परित्याग करने के पूर्व मनुष्य को इन्हें वश में करने का अभ्यास करना चाहिए।
कृष्णभावनामृत इतनी दिव्य सुन्दर वस्तु है कि इसके प्रभाव से भौतिक भोग स्वतः नीरस हो जाता है। यह वैसा ही है जैसे कोई भूखा मनुष्य प्रचुर मात्रा में पुष्टिदायक भोजन करके भूख मिटा ले। महाराज अम्बरीष भी परम योगी दुर्वासा मुनि पर इसीलिए विजय पा सके क्योंकि उनका मन निरन्तर कृष्णभावनामृत में लगा रहता था। मनुष्य का मुख्य शत्रु क्रोध है। यह देह में रहता हुआ ही देह को नष्ट कर डालता है, जैसे लकडी में स्थित अग्नि लकडी को ही जला डालती है। आग जैसे अपने आधार लकडी को जला देती है, वैसे ही क्रोध भी अपने आधार शरीर को जला देता है।
धन, बल, विद्या आदि दूसरों के काम आ जायँ तो सार्थक, अन्यथा निरर्थक हैं। कल क्या होगा यह कोई नहीं जानता है इसलिए कल के करने योग्य कार्य को आज कर लेने वाला ही बुद्धिमान है।
संसार में भी स्थूल की अपेक्षा सूक्ष्म का आहार कम होता है। जैसे देवता सूक्ष्म होने से केवल सुगन्धि से ही तृप्त हो जाते हैं। हाँ, स्थूल की अपेक्षा सूक्ष्म में शक्ति अवश्य अधिक होती है। यही कारण है कि सूक्ष्मभाव की प्रधानता से अन्त समय में सत्त्वगुण की वृद्धि मनुष्य को ऊँचे लोकों में ले जाती है।
सत्संग में अंकित शर्मा, रुचि शर्मा, विशेष शुक्ल, वेदान्त शर्मा, वैदिक शर्मा, अभिषेक अग्रवाल, विवेक गोयल, राजेन्द्र अग्रवाल, अंजलि अग्रवाल, अनमोल अग्रवाल, आर्यन अग्रवाल, विकास अग्रवाल, पुनीत अग्रवाल, नितिन अग्रवाल, सुमित अग्रवाल, सारिका अग्रवाल, देवांश अग्रवाल, शिवांश अग्रवाल, कामना दुबे, आराधना शर्मा, साक्षी नागपाल आदि ने सहयोग दिया।