टीएमयू में एफओईसीएस की ओर से राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर परखी गईं टेक्नो दक्षता
मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो रघुवीर सिंह ने कहा, शिक्षा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी ने क्रांतिकारी बदलाव किया है। खासकर कोविड-19 के दौरान इस परिवर्तन को शिद्दत से महसूस किया है। वर्चुअल कम्युनिकेशन ने विचारों और ज्ञान के प्रसार को सुगम और सहज बनाया है। ग्राफिक्स एनिमेशन और मल्टीमीडिया के प्रयोग से वर्चुअल क्लासेस और आकर्षक बनी हैं। प्रो. सिंह बोले, प्रौद्योगिकी की प्रगति ने हमारे जीवन को आसान, आरामदायक और सुखद बना दिया है। इसने कार्य की गति को तीव्र जबकि समय को कम कर दिया है। नतीजतन, कार्य की गुणवत्ता और दक्षता में वृद्धि हुई है। टेक्नोलॉजी हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गई है। यह सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति का ही कमाल है कि आज हम किसी भी शहर या देश में संवाद कर सकते हैं, क्योंकि हम लोगों से बस एक क्लिक दूर हैं।
यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड कम्प्यूटिंग साइंसेज़- एफओईसीएस की ओर से राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर कुलपति प्रो. सिंह बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इससे पूर्व एलटी-2 में माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन करके कार्यक्रम का शंखनाद हुआ। इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रो. सिंह के अलावा रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, ज्वाइंट रजिस्ट्रार- आरएनडी डॉ. ज्योतिपुरी, एफओईसीएस के निदेशक प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी, एचओडी प्रो. अशेन्द्र कुमार सक्सेना, एचओडी प्रो. आरके जैन, प्रो. एसआर अली, डॉ. शम्भू भारद्वाज, श्री रूपल गुप्ता, श्री विवेक कुमार, श्री मनोज गुप्ता आदि की गरिमामयी मौजूदगी रही।
नेशनल टेक्नो-डे पर आधा दर्जन से अधिक टेक्नो प्रतिस्पर्धाए भी हुईं। सीसीएसआईटी कम्पाउंड में आयोजित प्रोजेक्ट्स, पोस्टर्स, पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन को कुलपति प्रो. सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. शर्मा, जेआर डॉ.पुरी, एफओईसीएस के निदेशक प्रो. द्विवेदी आदि ने छात्रों की टेक्नो दक्षता को संजीदगी से परखा। इन मेहमानों ने छात्र-छात्राओं से सवाल पूछकर अपने अनमोल सुझाव भी दिए। अंत में तकनीकी ब्लॉग लेखन, कोडिंग प्रतियोगिता के अलावा प्रोजेक्ट्स, पोस्टर्स, पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन आदि के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इन प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। संचालन अंग्रेजी की सीनियर फैकल्टी सुश्री इंदु त्रिपाठी ने किया। नेशनल टेक्नो-डे पर रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा बोले, मई का 11वां दिन पूरे देश के लिए गर्व का दिन है, क्योंकि 1998 में इसी दिन पोखरण में परमाणु परीक्षण किया गया था। हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का अति महत्व है, क्योंकि चाहे मोबाइल फोन हो या लैपटॉप, कैमरा हो या टेलीविजन, छोटी कार हो या बड़ी ट्रेन या हवाई जहाज या फिर ड्रोन, सभी प्रौद्योगिकी का ही प्रतिफल हैं। एफओईसीएस के निदेशक प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी बोले राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी दिवस हमारे लिए किसी उत्सव से कम नहीं है, क्योंकि यह दिन तमाम वैज्ञानिक उपलब्धियों से लबरेज है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी का भावपूर्ण स्मरण करते हुए बोले, नेशनल टेक्नो-डे मनाने का श्रेय उन्हें ही जाता है। पोखरण में उनकी मौजूदगी में ही पाँच परमाणु बमों का परीक्षण हुआ था। श्री वाजपेयी ने 1999 में 11 मई को पूरे देश में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाए जाने का ऐलान किया था।
नेशनल टेक्नो-डे पर प्रोजेक्ट प्रेजेंटेशन, पोस्टर प्रेजेंटेशन, पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन, टेक्निकल ब्लॉग राइटिंग, कोडिंग कॉन्टेस्ट और टेक्निकल क्विज आदि प्रोग्राम्स भी हुए। तकनीकी ब्लॉग लेखन प्रतियोगिता में रितिका कात्याल, नीशु, अंजलि त्यागी, पॉवर प्वाइंट प्रस्तुति प्रतियोगिता में अक्षांश, इतिका जैन, अभिषेक कुमार, कोडिंग प्रतियोगिता में अतिशय जैन, इतिका जैन, हर्ष जैन, उदित गुप्ता, प्रोजेक्ट की सॉफ्टवेयर श्रेणी में उत्कर्ष परमार, ईशू, सिद्धार्थ, अपूर्व मित्तल, कोडिंग प्रतियोगिता में अतिशय जैन, इतिका जैन, हर्ष जैन, उदित गुप्ता, प्रोजेक्ट मॉडल प्रेजेंटेशन हार्डवेयर श्रेणी में मंयक राज, मो. तौहीद, अजय यादव, राहुल, आदित्यराज, शैलेश, मजीदी, शुएब आलम, नेहा पाठक, पोस्टर प्रस्तुति में खुशी चहल, तीशा जौहरी, छवि रानी, मंजरी शंखधर, पौरूष गुप्ता, सगुन यादव, मोहम्मद खान, सचिन जैन, नेहा सिंह पटेल आदि विजेता रहे। ये प्रतियोगिताएं डेढ़ दर्जन को-ऑर्डिनेटर्स की देखरेख में हुईं। इस मौके पर एफओई की इवेंट को-ऑर्डिनेटर डॉ. गुलिस्तां खां और प्रोजेक्ट मॉडल प्रजेंटेशन के को-ऑर्डिनेटर डॉ. पंकज गोस्वामी आदि भी मौजूद रहे। टेक्नो-डे के सफल आयोजन में मिस शिखा गम्भीर, प्रॉक्टर श्री राहुल विश्नोई, प्रॉक्टर श्री हिमांशु शर्मा का भी विशेष योगदान रहा।