रूस से सस्ते तेल खरीद पर भारत-अमेरिका के संबंधों में आ सकती है खटास
यूक्रेन (Ukraine) पर हमले के बाद अमेरिका सहित कई देशों ने रूस (Russia) पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए, लेकिन भारत ने अपना कारोबार जारी रखा। इस वजह से चर्चा चली कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों (India America Relations) में खटास आ सकती है। अब भारत के साथ अपने रिश्ते पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने बड़ा बयान दिया है। मालूम हो कि भारतीय तेल रिफाइनरियों ने मई में रूस से लगभग 2.5 करोड़ बैरल तेल खरीदा है। यह भारत के कुल तेल आयात का 16 फीसदी से अधिक है। अप्रैल महीने में पहली बार समुद्र के रास्ते भारत में रूस के तेल की हिस्सेदारी पांच फीसदी रही। भारत ऐसे समय में रूस के कच्चे तेल पर भारी छूट का फायदा उठा रहा है, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं।
इस बीच, अमेरिका के प्रेसिडेंट जो बाइडन का कहना है कि भारत के साथ अमेरिका के ‘बहुत अच्छे’ संबंध हैं। वो दो बार भारत का दौरा कर चुके हैं। भारत से जुड़े एक सवाल के जवाब में बाइडेन ने कहा, ‘मैं दो बार भारत जा चुका हूं और एक बार फिर जाऊंगा।भारत के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं।
कई दशकों में विकसित हुए भारत और रूस के संबंध
बाइडन से पहले अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा था कि हमने अपने भारतीय भागीदारों के साथ कई दौर चर्चा की है। सभी मुद्दों पर चर्चा करने के बाद हमारा यही मानना है कि हर देश का रूस के साथ अलग संबंध है। उन्होंने कहा कि रूस के साथ भारत के संबंध कई दशकों के दौरान विकसित हुए हैं। तब अमेरिका भारत के साथ साझेदारी के लिए तैयार नहीं था।
प्राइस ने कहा कि हमने भारतीय भागीदारों के साथ बहुत पहले ‘टू प्लस टू’ संवाद नहीं किया था। हम एक बार फिर से I2U2 के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से बातचीत करेंगे। I2U2 में भारत के अलावा हमारे साथ संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और इजराइल (Israel) भी है। भारत हमारे साथ कई साझेदारियों में शामिल हो रहा है, जिसमें निश्चित रूप से क्वाड (Quad) भी शामिल है। क्वाड में जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
रूस के साथ अलग संबंध
प्राइस ने कहा कि हमने अपने भारतीय भागीदारों के साथ कई चर्चाएं की हैं। हमारी रणनीति अब ये है कि हर देश का रूस के साथ एक अलग संबंध होगा। उन्होंने कहा कि अब स्थितियां बदल चुकी हैं। भारत और अमेरिका के बीच संबंध वास्तव में पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के कार्यकाल के दौरान बढ़ना शुरू हुआ। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश प्रशासन में भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी और मजबूत हुई।
रूस से तेल आयात कर रहा भारत
हाल में आए आंकड़ों के अनुसार, भारत अब सऊदी अरब से भी ज्यादा तेल रूस से आयात कर रहा है। इस मामले में रूस दूसरे स्थान पर है। जबकि अब भी भारत का सबसे अधिक तेल आयात इराक से होता है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से भारत की तेल रिफाइनरी भारी छूट पर रूस का तेल खरीद रही हैं। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। रूस पर अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद भारत और अन्य एशियाई देश रूस से क्रूड ऑयल का आयात कर रहे हैं। इसकी वजह से रूस राजस्व जुटा पा रहा है।