बरेली में डेलापीर पुल का काम कब तक उतरेगा धरातल पर जिले के नियोजित विकास को जिला परिषद, नगर निगम, विकास प्राधिकरण, जिला प्रशासन एवम जनप्रतिनिधियों की कोआर्डिनेशन कमेटी बने

निर्भय सक्सेना, बरेली। देश में एक और तेजी से राजमार्ग, उपरिगामी पुल, अंडरपास का जाल बिछाया जा रहा है ताकि मार्ग यातायात में सुगमता बनी रहे। पर अपने बरेली मंडल की बात की जाए तो यहां आज भी पुल निर्माण की गति कछुआ गति से ही चल रही है। उनका डिजाइन भी ऐसा जटिल बनाया गया की वह यातायात की सुगमता की बजाए दिग्भर्मित अधिक करता है जिसका उदाहरण आई वी आर आई का उपरिगामी पुल है। अब इसी मार्ग पर डेलापीर का पुल भी प्रस्तावित है। पत्रकार निर्भय सक्सेना ने इस प्रस्तावित डेलापीर पुल के निर्माण के लिए जुलाई 2013 से कई पत्र पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद संतोष कुमार गंगवार, डॉ अरुण कुमार वन मंत्री से भिजवाए एवम एवम मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी जून 2016 पर डाला जिसका नंबर 11150160069643 था जिसे तत्कालीन प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय अनीता सिंह ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को 24 जून 2016 को प्रेषित किया था। अब कई वर्ष बाद शासन प्रशासन को इसकी 2022 में याद आई है। बरेली की बात की जाए तो लखनऊ मार्ग का हुलासनागरा पुल हो या बदायूं रोड का लाल फाटक का पुल, जो कई वर्षो से बन रहा है और अभी भी पता नहीं कब तक चालू हो। यही हाल चौपला का पुल का है जो बीरबल की खिचड़ी की भांति बन रहा है। बदायूं रोड की सुगम यातायात के लिए जब इस पुल को बनाया गया था। पर पुल की गलत डिजाइन के कारण वह समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है। आज भी यह पुल दिन में कई बार जाम का कारण बनता हैं। चौपला पुल का रिवाइज बजट भी हर बार कम ही पड़ जाता है। सुभाष नगर का प्रस्तावित उपरिगामी पुल का भी कई बार से नेताओं का आश्वासन ही मिल रहा है। क्योंकि इससे रेलवे को कोई फायदा नही है इसलिए ही वह पुल रूपी गेंद लोनिवि या राज्य सरकार की ओर वापस कर देता है। रेलवे अधिकारी अपनी जमीन को ही बचाने में लगे हुए हैं। बदायूं रोड पर करगेना में महेशपुरा रेल क्रॉसिंग पर भी पुल इसलिए जरूरी है की आजकल इस रोड पर ही कालोनी का विस्तार हो रहा है। अगर बदायूं रोड से ही मड़ीनाथ या सिटी शमशान मार्ग पर पुल बनाकर जोड़ने की पहल बीजेपी के विधायक सरकार से कर दें तो एक बहुत बड़ी यातायात की समस्या हल हो सकेगी। बरेली में वर्षो पूर्व बना किला पुल अपनी अबआयु पूर्ण कर खस्ताहाल हो गया है। आज आवश्यकता इस बात की ही कि अब किला के नए पुल की डिजाइन इस प्रकार बनाई जाए की उसका एक सिरा सिटी स्टेशन से उठ कर दिल्ली रोड पर और दूसरा सिरा अलखनाथ मार्ग की रेल लाइन को पार कर बनाया जाए। यही नहीं उस पुल की एक विंग सिटी शमशान घाट या मढ़ी नाथ मार्ग पर भी उतारी जाए। हाल में ही बना हार्टमैन पुल भी घटिया निर्माण के चलते उसका सरिया का जाल सीमेंट से बाहर आकर दुर्घटना का निमंत्रण दे रहा है। जिला हॉस्पिटल का फुटओवर पुल भी मरीजों को कितना उपयोगी होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा। यह फुट ओवर पुल भी प्रस्तावित कुतुबखाना उपरिगामी पुल एवम लाइट मेट्रो में भी चौपला पुल की तरह ही भविष्य में बाधक ही बनेगा। बरेली में पुराने चौपला क्रॉसिंग, सिटी शमशान घाट, हार्टमेन रेल क्रॉसिंग पर भी अंडरपास की आज बहुत जरूरत है। इसके लिए जरूरी है कि जिला परिषद, नगर निगम, विकास प्राधिकरण, जिला प्रशासन एवम जनप्रतिनिधियों की एक कोआर्डिनेशन कमेटी बने। यही कमेटी जिले के नियोजित विकास के लिए आए सुझावों का गुणदोष के आधार पर चयन करे। इसके लिए पत्रकार निर्भय सक्सेना ने पूर्व में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी को मेल भेज कर हर जिले के नियोजित विकास के लिए यह सुझाव दिया था।