Wednesday, September 17, 2025
स्वास्थय

जानिए साग-सब्जी, परांठे, काढ़ा आदि में अजवायन के फायदे

घर में मसालदान में अजवायन का महत्त्वपूर्ण स्थान है। इसका प्रयोग साग-सब्जी, परांठे, काढ़ा आदि में होता रहता है। इसके गुणों के कारण विद्वानों ने इसे कल्याणकारी माना है। अजवायन रोगियों का तो कल्याण करती ही है – स्वस्थ व्यक्तिओं के लिए भी यह परम हितकारी है।

अजवायन पाचन क्रिया को सही रखती है, बुखार तथा तिजारी को जड़ से उखाड़ फेंकती है और पेट के तमाम रोगों को नष्ट करती है| यह रुचिकर, खुश्क, गरम तथा कुछ तीखी होती है। अजवायन जुकाम, सिर दर्द, प्रदर रोग तथा कृमि को नष्ट करने में अचूक मानी गई है। घर की स्त्रियां पेट दर्द, वायु गोला, कब्ज, दस्त, पेचिश आदि रोगों में इसका प्रयोग बेखटके करती रहती हैं।

1. जुकाम एवं सिर दर्द
अजवायन को एक पोटली में बांध लीजिए, फिर इस पोटली को बार-बार सुंघिए।जुकाम और सिर दर्द दूर हो जाएगा।

2. शीतपित्त
गुड़ में मिलाकर अजवायन का सेवन करने से शीतपित्त से छुटकारा मिलता है।

3. वायु विकार
आधे चम्मच अजवायन में दो कालीमिर्च का चूर्ण और एक चुटकी खाने का सोडा मिलाकर पानी के साथ सेवन करें। भोजन के बाद दोनों समय इसे लेने से कुछ दिनों में गैस बननी बंद हो जाएगी।

4. पेट दर्द
आधा चम्मच अजवायन, दो रत्ती हींग तथा एक चुटकी काला नमक – तीनों चीजों को पीसकर चूर्ण बना लें| अब इस चूर्ण का सेवन गुनगुने पानी से करें। ठीक 5 मिनट बाद पेट का दर्द शान्त हो जाएगा| गुड़ तथा अजवायन खाने से भी पेट का दर्द रुक जाता है।

5. कब्ज
आधा चम्मच अजवायन, चार कालीमिर्च, चार पत्ती तुलसी तथा एक चुटकी काला नमक-सबको एक कप पानी में उबालें।जब पानी आधा रह जाए तो काढ़े को छानकर पी लें। पाखाना खुलकर आएगा।

6. दमा
अजवायन और कालीमिर्च के सेवन से दमा के रोगियों को काफी राहत मिलती है।

7. पेट के कृमि
आधा चम्मच अजवायन के चूर्ण को गोमूत्र के साथ सेवन करने से पेट के कीड़े मरकर मॉल के साथ निकल जाते हैं।

8. प्रदर रोग
अजवायन में जरा-सा गन्ने का सिरका मिलाकर सेवन करने से स्त्रियों को प्रदर रोग से छुटकारा मिलता है। यह नुस्खा कम से कम 15 दिनों तक अवश्य इस्तेमाल करना चाहिए।