श्रीराम कथा कलियुग की संजीवनी बूटी के समान है: अर्द्धमौनी
मुरादाबाद। श्रीशिव हरि मन्दिर, रामगंगा विहार समिति द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय श्रीराम कथा के विश्राम दिवस विशाल भण्डारे का आयोजन हुआ। जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने महाप्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
कथा व्यास श्रद्धेय धीरशान्त दास अर्द्धमौनी ने बताया कि भगवान श्री राम कथा कलियुग में संजीवनी बूटी का काम करती है। परिवारों को जोड़ने वाली एवं संस्कारों से सुसज्जित कथा के योग से समस्त कार्य सिद्ध हो जाते हैं। महापुरुषों की वाणी में भगवत्प्राप्ति को सुगम कहा गया है। हमने भगवत्प्राप्ति को कठिन मान लिया, अन्यथा जो तत्त्व सर्वत्र परिपूर्ण है। स्वरूपतः परमात्मा का अंश होने से सभी स्वाभाविक ही निर्दोष हैं, इस निर्दोषता की हमें रक्षा करनी है। हम दोषों को सत्ता देकर दूसरों को और स्वयं को दोषी मान लेते हैं। ऐसे ऊपरी दोषों को महत्व नहीं देकर दृढ़ता से भगवद्भाव रखना ही निर्दोषता की रक्षा करना है।
अच्छे लोग वही बात बोलते है जो उनके मन में होती है। अच्छे लोग जो बोलते है वही करते है। ऐसे पुरुषो के मन, वचन व कर्म में समानता होती है।
मन बुद्धि भगवान में कब लगते हैं जब साधक एकमात्र भगवत्प्राप्ति को ही अपना उद्देश्य बना लेता है और स्वयं भगवान का ही हो जाता है जो कि वास्तवमें है तब उसके मन-बुद्धि भी अपने-आप भगवान में लग जाते हैं।
जहाँ प्रेम होता है, वहाँ स्वाभाविक ही मनुष्य का मन लगता है और जिसे मनुष्य सिद्धान्तसे श्रेष्ठ समझता है, उसमें स्वाभाविक ही उसकी बुद्धि लगती है। भक्त के लिये भगवान से बढ़कर कोई प्रिय और श्रेष्ठ होता ही नहीं। भक्त तो मन-बुद्धि पर अपना अधिकार ही नहीं मानता। वह तो इनको सर्वथा भगवानका ही मानता है। अत: उसके मन बुद्धि स्वाभाविक ही भगवानमें लगे रहते हैं। सृष्टि का एक नियम हैं कि हम वही बांटेगें जो हमारे पास बेहिसाब होगा, फिर वह चाहे धन हो, अन्न हो, सम्मान हो, अपमान हो, नफरत हो या प्यार।
कथा में सोमनाथ पोपली, कुसुम उत्तरेजा, राजेश गुप्ता, अविरल गुप्ता, पूनम चावला, रजनी अरोड़ा, रेनू चावला, प्रभा बब्बर, पायल मग्गू, गिरधर गोपाल पाण्डेय, एस के सक्सैना, नवीन विश्नोई, तिलक राज शर्मा, राजेश गुप्ता, पंकज कालरा, अनिल अरोरा, अनिल वर्मा, ब्रह्म प्रकाश, अल्पना सिन्हा, राज मदान, सुधीर मिश्रा, सपना चौधरी, सुधा शर्मा, कुसुम उत्तरेजा, पं० नारायण जोशी, दामिनी बब्बर, पं० राजकिशोर शास्त्री, सुमित अग्रवाल, सारिका अग्रवाल, देवांश अग्रवाल, हरीश प्रजापति, पं० प्रेमशंकर शर्मा आदि उपस्थित रहे।