राजस्थान में नये सीएम के चयन को लेकर सस्पेंस बढ़ा !

 

 

राजस्थान में 115 सीटें जीत कर सरकार बनाने की तैयारी में भाजपा बहुत बड़े सस्पेंस से गुजर रही है । यह बड़ा सस्पेंस मुख्यमंत्री के चयन को लेकर है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शाह और मोदी की जोड़ी न तो वसुंधरा को पसंद कर रही है और न उसे रिजेक्ट कर पा रही है । वसुंधरा भी मुख्यमंत्री बनने के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के अपने दावे से टस से मस होने को तैयार नहीं है।

 

भाजपा के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि वसुंधरा को पीछे कदम खींचने के लिए किसी भी तरह मनाने की रणनीति के तहत कथित तौर पर शाह- मोदी की जोड़ी ने बालक नाथ के जरिये राजनीतिक खेला भी खेला , जिसके तहत बालक नाथ ने कथित तौर पर सोशल मीडिया बयानबाजी में कहा कि उनके समर्थक संयम रखें और अभी उन्हें प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में बहुत अनुभव लेना है । ताकि टेंपरेरी तौर पर यह संदेश जा सके कि बालक नाथ मुख्यमंत्री बनने के इच्छुक दावेदार नहीं है।

 

राजनीति के जानकार मानते हैं कि बालक नाथ ने यह खेला वसुंधरा को अपने दावे के प्रति नरम होने के लिए खेला। मगर राजनीति की चतुर खिलाड़ी की तरह वसुंधरा आत्मविश्वास से लबालब होकर मुख्यमंत्री के अपने दावे पर अडिग होकर भाजपा हाई कमान से लगातार संपर्क के लिए दिल्ली आ डटी है।

हालात ऐसे बन गए हैं कि न तो शाह-मोदी वसुंधरा को तीसरी बार मुख्यमंत्री के तौर पर स्वीकार करने को तैयार हैं और न वसुंधरा पीछे हटने को तैयार है।

 

बताया जाता है कि इसी बीच शाह के इशारे पर भाजपा ने एक रिपोर्ट भी तैयार करके दिल्ली भेजी है जिसमें 45 विधायकों को लेकर वसुंधरा राजे और उनके सांसद पुत्र दुष्यंत पर बगावत की तैयारी के आरोप लग रहे हैं।

 

समाचार है कि भाजपा विधायक ललित मीणा के पिता हेमराज मीणा ने वसुंधरा राजे के पुत्र पर विधायकों की बाड़ेबंदी करने का आरोप लगाकर इस रिपोर्ट को और भी हवा दे दी है । रिपोर्ट में यह भी कहा गया बताते हैं कि वसुंधरा राजे ने लगभग 15 सीटें कम जितवाने का कार्य किया अन्यथा भाजपा 130 सीटें तक जीत सकती थी।

कहा जा रहा है कि पहले भाजपा हाई कमान इस कथित रिपोर्ट पर निर्णय लेगा और फिर विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी। यही वजह है कि भाजपा राजस्थान में नये मुख्यमंत्री के चयन में देरी करती दिखाई पड़ रही है।

सूत्र बताते हैं कि बालकनाथ इस दांव में है कि वसुंधरा राजे किसी भी तरह मुख्यमंत्री बनने के अपने दावे से पीछे हट जाएं या भाजपा हाईकमान उसे पीछे हटने पर मजबूर कर दे , तभी वह मुख्यमंत्री बनने में कामयाब हो सकते हैं । ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राजस्थान की भाजपाई राजनीति क्या करवट लेती है ।