कोविड का शिकार रहे भारतीयों में फेफड़ों की क्षति के मामले काफी ज्यादा, 50% लोगों में सांस की दिक्कत

 

कोरोना संक्रमण पिछले चार साल से अधिक समय से वैश्विक स्वास्थ्य जोखिम बना हुआ है। महामारी की शुरुआत से अब तक 70.36 करोड़ से अधिक लोग इस संक्रामक रोग की चपेट में आ चुके हैं, इसमें से 69.86 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना सिर्फ संक्रमण की स्थिति में ही नहीं, संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों के लिए भी गंभीर समस्याओं का कारण मानी जा रही है, पोस्ट कोविड (लॉन्ग कोविड) के कारण लोगों में कई प्रकार स्वास्थ्य समस्याएं देखी जा रही हैं।

कोरोना संक्रमण का शिकार रहे लोगों को ठीक होने के साल भर से अधिक समय बाद तक भी हृदय, मेटाबॉलिज्म और मस्तिष्क से संबंधित दिक्कतों का अनुभव हो रहा है।कोविड-19 के दुष्प्रभावों को लेकर हाल ही में किए गए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने फेफड़ों की समस्याओं को लेकर अलर्ट किया है। अध्ययन से पता चलता है कि अक्यूट कोविड के बाद भारतीय लोगों में लंग्स डैमेज के मामलों की दर काफी अधिक देखी जा रही है। कोविड-19 ने फेफड़ों की कार्यक्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, जिसके गंभीर और जानलेवा दुष्प्रभावों का भी खतरा हो सकता है।