धर्म सभा में संत महंत, अर्चक पुरोहित, पंडित, महिलाओं एवं समाजसेवियों ने की सहभागिता

 

संभल। हिंदू जागृति मंच के तत्वाधान में आर्य समाज मंदिर में विशाल धर्मसभा का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथियों ने भगवान परशुराम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करके और शंखनाद के साथ धर्म सभा की कार्यवाही प्रारंभ की। मठ मंदिरों के पुजारी, पुरोहित, संत जन एवं विद्वानों को भगवा पटका पहनाकर स्वागत और अभिनंदन हिंदू जागृति मंच के सदस्यों ने किया। हिंदू जागृति मंच के मंडल अध्यक्ष अनंत कुमार अग्रवाल, मंडल महामंत्री अजय गुप्ता सर्राफ, जिला अध्यक्ष अरुण कुमार अग्रवाल ने धर्म सभा की प्रस्तावना और भूमिका में अपने विचार व्यक्त किए तथा धर्म सभा की व्यवस्था और अनुशासन को बनाते हुए दिशा निर्देश जारी किए।
हिंदू जागृति मंच के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुजारी पुरोहित कल्याण बोर्ड गठित करने पर सरकार को बधाई देना, मंदिर में प्रतिदिन सामूहिक संध्या आरती करना, प्रत्येक मंदिर के भक्तों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाना, सोशल मीडिया पर मठ मंदिर का सक्रिय रहना, सरकारी योजनाओं में पुजारी पंडित महंतों के माध्यम से समाज का कल्याण करना, प्रत्येक 6 माह में एक बार धर्म सभा का आयोजन होना, तथा नगर पालिका क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्र अन्य तहसील क्षेत्रों में समय-समय पर धर्म सभाएं आयोजित करना जैसे अनेक प्रस्ताव पास किए गए। जिन्हें ओम ध्वनि के साथ पारित किया गया। इन प्रस्तावों पर व्यापक चर्चा हुई। प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए बाल योगी दीनानाथ जी, ज्ञान प्रकाश उपाध्याय, कमल दिवाकर, सुशील गुप्ता भगत जी, ब्रह्मानंद जी, कांति प्रसाद शर्मा, डॉक्टर मूलचंद दालभ, नरदेव शर्मा, सरिता गुप्ता आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। नैमिषारण्य तीर्थ से आए महंत दीनानाथ जी ने हिंदू जागृति मंच द्वारा आयोजित धर्म सभा को उत्तम, सार्थक एवं सकारात्मक पहल बताया। धर्म सभा में एक-एक कर प्रस्ताव पढ़े गए। उन पर व्यापक विचार विमर्श किया गया। सभी विद्वानों,महंत पुजारियों ने चर्चा की। तत्पश्चात आवश्यक संशोधन के साथ सभी प्रस्ताव पारित किए गए। जिनके अनुसार अपने अपने मंदिरों से समाज हित समर्पित रहने का संकल्प लिया। सर्वसम्मति से तय किया गया कि मंदिर जन जागरण का केंद्र रहे हैं और अब आपसी तालमेल के साथ परस्पर सहयोग करते हुए जन जागरण का केंद्र बनेंगे। वक्ताओं ने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों को दिलाया जाए। इसमें मंदिर के पुजारी, संत और महंत योग्य भागीदारी निभा सकते हैं। उन्हें निभानी भी होगी। विष्णु कुमार, नवबंत शुक्ला, श्वेता तिवारी, नरेंद्र कुमार अग्रवाल, ज्ञान प्रकाश उपाध्याय, कौशल नंदन शर्मा, सुभाष चंद्र मोंगिया आदि ने हिंदुत्व को मजबूत करने, धर्म आध्यात्म के मार्ग पर चलने, समाज की सेवा और चिंता करने के संबंध में अपने ओजस्वी विचार व्यक्त किए। धर्म सभा की अध्यक्षता करते हुए कैला देवी धाम के महंत गिरि जी महाराज ने कहा कि संभल हरिहर मंदिर की भूमि है। इसलिए केवल महत्वपूर्ण ही नहीं यहां की धरा पूजनीय है। उन्होंने हिंदू जागृति मंच द्वारा आयोजित धर्म सभा में आए महंतों पुजारियों, अर्चक पुरोहित तथा समाजसेवियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम अपने कर्तव्य पथ पर चलें यह भी एक पूजा है। उन्होंने समाज के प्रति, धर्म के प्रति, संतो के प्रति, राष्ट्र के प्रति, अपने कर्तव्य निर्वहन करने का आह्वान किया और मंदिरों की जिम्मेदारी निश्चित की। उन्होंने बताया की मठ मंदिरों को सक्रिय होना ही पड़ेगा। मठ मंदिर सदैव से जन जागरण का केंद्र रहे हैं। हम और आप सब मंदिरों को जन जागरण का केंद्र पुनः बनाएंगे। मंदिर से कही हुई बात, लिया हुआ संकल्प हर कीमत पर पूर्ण करेंगे। धर्म सभा का संचालन अनंत कुमार अग्रवाल एवं विकास कुमार वर्मा ने संयुक्त रूप से किया।

संभल की पर्यटन नगरी घोषित कराने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। श्री कल्कि सेना निष्कलंक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप कुमार गुप्ता ने एक प्रस्ताव रखा जिसके अनुसार 68 तीर्थ 19 रूपों की धरा एवं हरिहर मंदिर की भूमि को तीर्थ नगरी, पर्यटन नगरी घोषित कराने को प्रदेश सरकार पर दबाव बनाया जाए। पर्यटन नगरी घोषित होने तक चैन से नहीं बैठना चाहिए। आनंद कुमार शर्मा एवं ज्वालेश श्रीमाली ने इसका समर्थन किया। तत्पश्चात सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास किया गया और तय किया गया कि संबंधित मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री तक पहुंच कर संभल को पर्यटन स्थल घोषित कराने में जी जान से जुटेंगे।