योगी कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्ताव पास, किसानों से लेकर PGI के कर्मचारियों तक के लिए गुड न्यूज, सड़क हादसे रोकने के लिए DL को लेकर बना नया प्लान

उत्तर प्रदेश में योगी कैबिनेट की आज अहम बैठक हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण पास हुए. योगी कैबिनेट ने लखनऊ PGI में कर्मचारियों के सातवें वेतनमान को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इतना ही नहीं, गृह विभाग और परिवहन विभाग के 2 प्रस्तावों को भी कैबिनेट की बैठक में मंजूदी दी गई है.

बताया जा रहा है कि लोकभवन में सुबह 11 बजे हुई कैबिनेट बैठक में कुल 17 प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिनमें से 15 प्रस्तावों पर योगी कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी. माना जा रहा है कि योगी कैबिनेट की बैठक में जो फैसले लिए गए हैं, उनसे किसानों के साथ-साथ पीजीआई के कर्मचारियों को भी फायदा होगा. कैबिनेट बैठक खत्म होने के बाद सुरेश खन्ना और सूर्य प्रताप शाही ने मीडिया ब्रीफिंग के जरिए इन प्रस्तावों की जानकारी दी.

उत्तर प्रदेश के 62 जनपदो में 2100 नलकुप लगाए जाएंगे. इससे लघु और सीमांत किसानों को सीधा फ़ायदा होगा. इतना ही नहीं, इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा. प्रदेश सरकार ने खराब मानसून को देखते हुए कोरिया (सरसों की प्रजाति) के मिनी पैकेट वितरित करने का फ़ैसला किया है. इसमें 4 करोड़ संतावन लाख 60 हहजार रुपए खर्च होंगे. किसानों को पहले आओ पहले पाओ के सिद्धांत पर वितरित किया जाएगा. प्रदेश में राज्य अध्यापक पुरस्कार व्यवस्था में बदलाव किया गया. अभी इसके मानक तय किए जा रहे हैं. नई व्यवस्था के अनुसार, नई तारीख तय की जाएगी. 18 पुरस्कार में 2 प्रधानाध्यापक, 2 प्रधानाचार्य और बाकि अन्य अध्यापकों को दिया जाएगा. आपराधिक पृष्ठ भूमि के लिए LIU की रिपोर्ट भी लगेगी. अन्य मानक पर भी खरा उतरना होगा. राजकीय महाविद्यालय में अलग-अलग विभागों में 10,000 पदों का सृजन किया जाएगा. इसमें 9 करोड़ का बजट खर्च होगा .

अहम बैठक में ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ा नया नियम भी शामिल है. बैठक में फैसला किया गया कि यूपी में परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए सिमुलेटर टेस्ट देना होगा. परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए सिमुलेटर ड्राइविंग टेस्ट मतलब इस टेस्ट में सॉफ्टवेयर से जुड़ी इस मशीन पर बैठकर ड्राइविंग टेस्ट देना होता है. मैन्युअल टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी.

टेस्ट और ड्राइविंग टेस्ट नहीं होगा. प्रदेश के हर जिले में ऑटोमैटिक टेस्टिंग मशीन लगाई जाएगी. इसके जरिए प्रदेश में लगभग 500 करोड़ रुपये का निवेश आएगा. अभी तक वाहनों की टेस्टिंग मैन्युअल होती थी. पहले चरण में हर जनपद में एक-एक एटीएस स्थापित किए जाएंगे. एटीएस पीपीपी मोड पर हर जिले में स्थापित किए जाएंगे. इससे लगभग 1500 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार भी सृजित होंगे.

सिमुलेटर ड्राइविंग टेस्ट एक मशीन से जुड़ा सॉफ्टवेयर है. इस टेस्ट के दौरान आपको ये अहसास होगा कि आप कोई चौपहिया वाहन चला रहे हैं. इसमें आपको स्टेयरिंग, सेफ्टी बेल्ट, वाइपर, डिपर, क्लच, एक्सिलेटर, ब्रेक सहित गाड़ी में मौजूद सारे फीचर्स मिलेंगे. इस मशीन पर बैठकर आपको ऐसा लगेगा जैसे आप सच में गाड़ी चला रहे हैं. ये मशीन एक छोटे से कमरे में लगाया जा सकता है. पीपीपी मॉडल के तहत इस व्यवस्था को हर जिले में स्थापित किया जाएगा.