जमीन के बदले रेलवे में नौकरी, शातिरों की तलाश में 24 स्थानों पर छापे

CBI Raid: सीबीआई ने आज जमीन के बदले रेलवे में नौकरी के नाम पर दर्ज मामले में 24 जगहों पर छापेमारी की। ये छापेमारी बिहार, गुरुग्राम और दिल्ली में की गई। आरोप है कि जिस समय लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे उस समय उनके कार्यालय में रेलवे में नियमों को ताक पर रखकर भर्तियां की गई और नौकरी के बदले जमीन ली गई। सीबीआई ने पहले प्रारंभिक जांच की और उसके बाद FIR दर्ज कर ली।  सीबीआई ने 23 सितंबर 2021 को प्रारंभिक जांच शुरू की थी। सीबीआई की जांच में सामने आया कि रेलवे की भर्ती प्रक्रिया में घोटाला हुआ है। इसके बाद CBI ने 18 मई 2022 को ये FIR दर्ज कर ली। इसमें लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव समेत अन्य लोगों के नाम हैं। आरोप है कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे तो जॉब लगवाने के बदले जमीन और प्लॉट लिए गए थे।  2004 से 2009 के बीच हुई घोटाला  इस मामले में सीबीआई ने लालू यादव के करीबी भोला यादव को गिरफ्तार किया था। साल 2004 से 2009 में जब लालू यादव रेल मंत्री थे तब भोला यादव उनके ओएसडी थे। भोला यादव को जमीन के बदले नौकरी वाले केस में गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने इसी साल 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी। एफआईआर में आरोप है कि जब लालू यादव रेल मिनिस्टर थे उस दौरान कई जोन में नौकरियां दी गई, जिसमें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, हाजीपुर, दिल्ली, पटना और जयपुर है। इन सभी जगहों पर जमीन के बदले नौकरी बांटी गई। जिन लोगों को नौकरी दी गई उन्होंने अपनी जमीन लालू प्रसाद यादव या राबड़ी देवी या लालू की कंपनी AK infosystems PVT LTD के नाम की। ये सभी नौकरी रेलवे में ग्रुप D की पोस्ट के लिए थी।  इस मामले में सीबीआई के इंस्पेक्टर जयराज कटियार ने अपनी जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट बनाई। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2004 से 2009 के बीच कई लोगों को अलग अलग जॉन में रेलवे में ग्रुप डी के पद पर लाया गया, जिन्हें बाद में अज्ञात इंडियन रेलवे के अधिकारियों ने रेगुलर कर दिया। इन लोगों ने जमीन के बदले ग्रुप डी की नौकरी पाई थी। अज्ञात रेलवे के अधिकारियों ने भर्ती के लिए गाइडलाइंस का उल्लंघन किया।  जांच में सामने आया कि जो शख्स पटना में रहता है उसे अलग अलग जॉन जैसे जबलपुर, कोलकाता, जयपुर, हाजीपुर, दिल्ली में अपॉइंट किया गया। इसके बदले या तो इन्होंने खुद या इनके परिवार के लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री भारत सरकार लालू यादव के नाम या AK infosystems prt limited कंपनी के नाम कर दी।