अंग्रेजी शिक्षा पद्धति को नकारे और गुरुकुल शिक्षा परंपरा अपनाने पर जोर दिया स्वामी रामदेव ने

मुरादाबाद। बुद्धि विहार में आर्यवीर महासम्मेलन को संबोधित करते हुए योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने मातृ शक्ति को देकर मातृसत्ता को मजबूत किया, उसका स्वरूप आज दिख रहा है। जाति पात की बेड़ियां तोड़ने का काम महर्षि दयानंद सरस्वती ने किया था।

उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद ने समाज पाखंड को दूर किया, वह हर व्यक्तित्व में देवत्व का मूर्त रूप देखना चाहते थे। इस दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है। आज फिर राम -कृष्ण जैसा आचरण धारण करना चाहिए। नशे से दूर रहकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दें। उन्होंने कहा कि वैदिक सनातन धर्म विशुद्ध और सात्विकता का मार्ग दिखाता है। धूम्रपान और शराब छोड़कर व्यसन मुक्त समाज बनाकर ही हम महर्षि को सच्चा समर्पण दे सकते हैं। यह शासन नहीं आत्म अनुशासन से संभव है।

इस्लाम में शराब को हराम माना गया है और हम ऋषियों के वंशज होकर नशा सेवन कर रहे हैं। केवल आर्य समाज विशुद्ध रूप से नशामुक्त है। आचरण, वाणी, विचार की शुद्धता ही आर्य समाज का संकल्प और मिशन है। उन्होंने फिल्म अभिनेता शाहरुख खान के बेटे के ड्रग्स सेवन में जेल जाने, सलमान खान के भी इससे जुड़े होने पर तंज कसते हुए पूरे फिल्मसिटी और राजनीतिक, प्रशासनिक व्यवस्था में नशे के सेवन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत को जातियों के नाम पर टूटने से बचाना महर्षि दयानंद का सपना था, इसे मिलकर साकार करने की जरूरत है। स्वामी रामदेव ने अंग्रेजी शिक्षा पद्धति को नकारते हुए भारतीय गुरुकुल शिक्षा परंपरा अपनाने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि भारत हमेशा अखंड रहा है और रहेगा। आर्य समाज और महर्षि दयानंद सरस्वती के इस संकल्प को अपने प्राणों की आहुति देकर भी पूरा करना हम सबका दायित्व है। योग, वेद, ऋषियों के मार्ग पर आज जो सब लोग चल रहे हैं और यह निरंतर बढ़ रहा है। अगले 20-25 साल में आधा विश्व इस दिशा में खड़ा दिखेगा।