ऑनलाइन ठगी का अब आया नया हथियार।

जब बिना किसी ऑर्डर के ही कोई पार्सल लेकर आपके घर आता है, और वो पार्सल कैश ऑन डिलिवरी हो, तो आप सावधान हो जाएं।

मुरादाबाद। थाना कटघर इलाके के लाजपत नगर कॉलोनी में रहने वाले रिहान के घर का दरवाज़ा बजाया, जब रिहान ने नीचे झंकार देखा, तो घर के नीचे खड़े एक युवक ने कहा कि वो उनका पार्सल लेकर आया है।

रिहान थोड़ा हैरान हुआ कि उसने तो ऑनलाइन कुछ मंगाया भी नहीं है, तो फिर ये कूरियर वाला केसा पार्सल लाया है, वो नीचे आए तो पार्सल लाए युवक ने कहा कि आपका कोरियर है और उस पर लिखा है “”ऑर्डर ‘पे ऑन डिलिवरी है”” मतलब पार्सल लेकर 2967 रूपये का पेमेंट करना होगा।

रिहान ने साफ मना कर दिया और कहा कि उसने कोई ऑर्डर नही किया है, वो पार्सल लाने वाले युवक से कहने लगा कि वो ऑर्डर कैंसिल कर दे। डिलिवरी बॉय ने पार्सल पर लिखे नंबर पर कस्‍टमर केयर को फोन लगाया, फिर रिहान की बात कराई।

कस्‍टमयर केयर वाले ने रिहान से कहा कि उसने ऑर्डर कैंसिल कर दिया है, वो पुष्टि करने के लिए अपने मोबाइल फोन पर एसएमएस के माध्यम से आए ओटीपी नंबर बता दें। रिहान ने पार्सल लाने वाले युवक के नंबर से मिलाई गई कॉल पर ही ओटीपी बता दिया, और पार्सल के साथ ही फोन वापस डिलिवरी बॉय के हाथ में दे दिया, पार्सल लाने वाला युवक भी चला गया, रिहान भी वापस अपने घर में चला गया और उसने चैन की सांस ली कि पता नही पार्सल में किया था वो ठगने से बच गया।

अचानक ही रोहन के फ़ोन पर एसएमएस आया, वो एसएमएस उसकी बैंक से आया था, उसने जेसे ही एसएमएस देखा तो उसे पता चला कि उसके सेविंग खाते में जमा सारी रकम कहीं ट्रांसफर हो गई है, ये देख कर रिहान के होश उड़ गए, उसने फौरन अपने पास रखे ATM, डेबिट कार्ड देखे, वो सब उसके पास थे। फिर यह कैसे हुआ? रिहान जब पुलिस के पास पहुंचे तब उसे अहसास हुआ कि वे साइबर ठगी के नए तरीके का शिकार बन गया है।

जानकारों के अनुसार, ऑनलाइन ठगी का शिकार बनने वाले व्यक्ति के पते पर पहले कूरियर के जरिए एक पार्सल भेजा जाता है जो उसने कभी ऑर्डर ही नहीं किया होता है, जब वो ऑर्डर रिसीव करने से मना कर देगा तब डिलिवरी बॉय उस पार्सल को भेजने वाले को फोन लगाएगा जिसका नंबर पार्सल के ऊपर कस्‍टमर केयर सेंटर के नाम से पार्सल पर लगे लेबल पर लिखा होगा। शिकार की फोन पर बात कराई जाएगी। उसे समझाया जाएगा कि अगर ऑर्डर उसने नहीं किया तो वो उसको कैंसिल करा सकता है। बस इसके लिए मोबाइल पर आया OTP बताना होगा, पीछा छुड़ाने के लिए शिकार जल्‍दबाजी में OTP बता देता है और यहीं पर चूक हो जाती है। कॉल पर OTP मिलते ही दूसरी ओर बैठे ठग शिकार का बैंक खाता खाली कर देते हैं।

यह न तरीके से ठगी करने वाले शातिर ठग पहले ही शिकार के बारे में सारी जानकारी हासिल कर लेते हैं, जब कभी शिकार हुआ व्यक्ति कभी ऑनलाइन शॉपिंग करता है या फ्री में मिलने वाले किसी ऑफर या इंटरनेट मोबाइल डाटा इस्तमाल करने वाले लालच भरे लिंक में अपनी निजी जानकारी भर देता है, उसी दौरान शातिर ठग सारी जानकारी कर लेते हैं।