भगवान श्रीराम की शरणागति से मनुष्य जीवन सफल हो जाता है: अर्द्धमौनी
मुरादाबाद। श्रीशिव हरि मन्दिर, रामगंगा विहार, कल्पना चावला पार्क में आयोजित श्रीराम कथा का शुभारम्भ भूमि पूजन, कलशयात्रा एवं पोथी शीश पर धारण कर, कथा स्थल की परिक्रमा करके हुआ। कथा व्यास श्रद्धेय धीरशान्त दास अर्द्धमौनी ने बताया कि भगवान श्री राम की शरणागति से मनुष्य जीवन सफल हो जाता है। भगवान के वैष्णव भक्तवृन्द संसार को हरिअमृत का रसास्वादन कराते हैं। श्रीराम अखिल लोक को विश्राम देने वाले हैं। चन्द्रमा अपनी किरणों से अमृत वर्षा करते हैं। इसीलिए श्रीराम चन्द्र भगवान जीवों का मंगल करने हेतु धराधाम पर प्रकट होते हैं।
चिंतामणि केवल लौकिक सुख दे सकती है और कल्पवृक्ष अधिक से अधिक स्वर्गीय संपत्ति दे सकता है। परन्तु वैष्णव आचार्य प्रसन्न होकर भगवान का योगिदुर्लभ नित्य बैकुण्ठधाम दे देते हैं। जिनके पास चाहे धन की कमी हो, लेकिन सदाचार की कोई कमी न हो, ऐसे कुल भी उत्तम कुलों में गिने जाते हैं तथा ये कुल मान-सम्मान और कीर्ति प्राप्त करते हैं।
भगवान् का अंश होने के कारण हमारा अधिकार भगवान् पर चल सकता है। परन्तु प्रकृति और प्रकृति के पदार्थों पर अधिकार नहीं चल सकता। इन्हें प्राप्त करने के लिए योग्यता, समय, परिश्रम, बल, बुद्धि, विद्या आदि चाहिये। जैसी-जैसी योग्यता होगी, वैसे-वैसे अधिकार प्राप्त होंगे। परंतु भगवान् की प्राप्ति में किसी योग्यता, बल, बुद्धि, विद्या आदि की आवश्यकता नहीं है।
सच्चा प्रेम वही है, जो गुण और कीर्ति से हीन प्रेमास्पद में भी बढ़ता ही रहे। सच्चा सत्य वही है, जो कभी मिटे नहीं और भय तथा हानि की सम्भावना में भी प्रकट रहे। सच्चा ज्ञान वही है, जो अनेक में एक अखण्ड और अनन्त नित्य सत्ता के दर्शन करा दे।
सतयुग में पापी का किया गया पाप पूरे राष्ट्र को लगता है, त्रेता युग में एक पापी का पाप पूरे ग्राम को लगता है, द्वापर में कुल को और कलयुग में केवल पाप करने वाले को लगता है।
कथा में लीना अग्रवाल, रजनी अरोड़ा, रेनू चावला, प्रभा बब्बर, पायल मग्गू, गौरी गुप्ता, दलजीत कौर, अल्का दुबे, ब्रजबाला भाटी, अवधेश पाठक, अरुण भटनागर, रोमहर्षण दास, विकास चौधरी, अभिनव गुप्ता,एड० अनिल वर्मा, प्रशान्त मिश्रा, सपना चौधरी, सुधा शर्मा, कुसुम उत्तरेजा आदि उपस्थित रहे।