Tuesday, July 15, 2025
उत्तर प्रदेशक्षेत्रीय ख़बरेंदिल्लीदेशशिक्षा

सांसद ने लोकसभा सदन में उठाया बालिकाओ को सीबीएसई विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा दिए जाने का मुद्दा

रामपुर/ नई दिल्ली। लोकसभा क्षेत्र से सांसद घनश्याम सिंह लोधी ने बालिकाओ को सीबीएसई विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा दिए जाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि एक बेटी या दो बेटियों वाले परिवारों को सीबीएसई के विद्यालयों में दी जाए सुविधाऐं।

सांसद घनश्याम सिंह लोधी केंद्रीय शिक्षा मंत्री से पूछा कि क्या सरकार केवल एक बेटी या दो बेटियों वाले परिवारों को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के विद्यालयों में मुफ्त शिक्षा प्रदान करने का विचार कर रही है ताकि बच्चों की संख्या को सीमित कर ऐसे परिवारों को लाभान्वित किया जा सके। निजी और सरकारी स्कूलों में इकलोती बालिका के प्रवेश में कोई प्राथमिकता दी जाती है। क्या सरकार का विचार इकलौती बालिकाओं को निःशुल्क उच्चतम शिक्षा प्रदान करने का है।

सांसद के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने जानकारी देते हुए बताया, कि केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के अंतर्गत आने वाले ज्यादातर स्कूल निजी स्कूल और फीस के मामले तथा अन्य सभी पहलुओं को संबंधित राज्य सरकार द्वारा विनियमित किया जाता है। केंद्र सरकार के अधीन सीबीएसई स्कूलों में, केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) की सभी छात्राओं को ट्यूशन फीस का भुगतान करने से छूट दी गई है। इसके अलावा, कक्षा VI से XII तक की एकल बालिकाओं को किसी भी शुल्क का भुगतान करने से छूट दी गई है। केवीएस कक्षा 1 में प्रति सेक्शन दो एकल बालिकाओं और छठी कक्षा के बाद प्रति कक्षा दो लड़कियों को प्रवेश देता है। ये सीटें कक्षा की स्वीकृत क्षमता से अतिरिक्त है। सीबीएसई की कक्षा दसवीं की परीक्षा 60% या उससे अधिक अंकों के साथ उत्तीर्ण की है और सीबीएसई से संबद्ध स्कूल में कक्षा XI और XII की अपनी आगे की शिक्षा जारी रख रही हैं। उच्चतर शिक्षा विभाग के अंतर्गत विश्विद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) वित्तीय सहायता प्रदान करके एकल बालिकाओं में उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए छात्रवृत्ति/अध्येतावृत्ति योजनाएं जैसे इंदिरा गांधी एकल बालिका स्नातकोत्तर छात्रवृति, सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले एकल बालिका फैलोशिप योजना, जवाहर नवोदय विद्यालय आदि कार्यान्वित कर रहा है।