Wednesday, September 17, 2025
देशविदेशस्वास्थय

भारत में नैचुरल इंफेक्शन और वैक्सीन कवरेज के हाई रेट के कारण चीन जैसी स्थिति नहीं होगी

चीन में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। चीन में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत में भी कोरोना का खतरा काफी ज्यादा बढ़ गया है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारतीय सरकार एक्शन में आ चुकी है। हाल ही में भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक मीटिंग बुलाई जिसमें कोरोना के संबंधित कई अहम फैसले लिए गए।

गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के पूर्व डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भले में चीन में कोविड -19 के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है लेकिन भारत में नैचुरल इंफेक्शन और वैक्सीन कवरेज के हाई रेट के कारण चीन जैसी स्थिति नहीं होगी।

भारत में कोरोना महामारी के शुरुआती दौर में ही लॉकडाउन लगा दिया गया था ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके. भले ही इस दौरान बहुत से लोगों ने यह भी तर्क दिया कि यह लॉकडाउन समय से पहले था. लेकिन इससे लोगों में जागरुकता पैदा करने में मदद मिली और साथ ही हमें तैयारी करने के लिए अधिक समय मिल पाया. इस दौरान, हमने मरीजों को संभालने के लिए बुनियादी ढ़ांचे को बदलने , पुनर्गठन आदि का काम किया. इन्हीं सब चीजों के चलते पश्चिमी देशों की तुलना में हमने अच्छा काम किया.

डॉक्टर रणदीप गुलेरिया फिलहाल गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनल मेडिसिन एंड रेस्पिरेटरी एंड स्लीप मेडिसिन एंड डायरेक्टर के चेयरमैन हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि भारत में टेस्टिंग में कमी आई है। सर्दियों के मौसम में अक्सर लोग सर्दी, जुकाम या बुखार आने पर इसका टेस्ट नहीं कराते हैं। ऐसे में अगर कोरोना के टेस्ट होते रहेंगे तो म्यूटेशन का पता चल पाएगा।

रणदीप गुलेरिया ने बताया कि पूरी दुनिया खासतौर पर चीन और इटली में कोरोना महामारी जिस तरह से अपने पीक पर थी और कोरोना के लाखों मामले सामने आ रहे थे, उसे देखते हुए हमने महसूस किया कि इस स्थिति से बचने के लिए ज्यादा तैयार रहना बेहतर है।