मकर संक्रांति से होता संसार का महाकल्याण: अर्द्धमौनी

मुरादाबाद। मनोहर श्रीशिव मन्दिर जीर्णोद्धार एवं मकर संक्रांति पर्व में कथा व्यास श्रद्धेय धीरशान्त दास अर्द्धमौनी ने नवनिर्मित मन्दिर भवन का उद्घाटन किया। राधा गोविन्द, महादेव शिव एवं अन्य देवी देवताओं के विग्रह-प्राण-प्रतिष्ठा पूर्ण विधि विधान से किये गये। उन्होंने बताया कि मकरागत सूर्य देव दर्शन का योग कलिकाल में अक्षय पुण्य दायक होता है। हरिनाम जप करने से ब्रह्मवेत्ता महाव्याधि, भय, दरिद्रता और पाप से मुक्ति और बैकुण्ठधाम की प्राप्ति होती है।

नारद पुराण के अनुसार

मकरस्थे रवौ गङ्गा यत्र कुत्रावगाहिता।
पुनाति स्नानपानाद्यैर्नयन्तीन्द्रपुरं जगत् ।।

सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश करने से उत्तरायण आरम्भ हो जाता है। देवताओं का प्रभातकाल माना जाता है।

पद्मपुराण के सृष्टि खंड अनुसार मकर संक्रांति में गंगा स्नान करना चाहिए। इससे दस हजार गोदान का फल प्राप्त होता है। उस समय किया हुआ तर्पण, दान और देवपूजन अक्षय होता है।

गरुड़पुराण के अनुसार मकर संक्रान्ति, चन्द्रग्रहण एवं सूर्यग्रहण के अवसर पर गयातीर्थ में जाकर पिंडदान करना तीनों लोकों में महापुण्यदायी है।

लक्ष्मी प्राप्ति व रोग नाश के लिए गोरस (दूध, दही, घी) से भगवान सूर्य, विपत्ति तथा शत्रु नाश के लिए तिल-गुड़ से भगवान हरि, यश-सम्मान एवं ज्ञान, विद्या आदि प्राप्ति के लिए वस्त्र से देवगुरु बृहस्पति की पूजा महाकल्याणकारी होती है।

मकर संक्रांति के दिन तिल का प्रयोग तथा तिल का दान विशेष लाभकारी है। विशेषतः तिल तथा गुड़ से बने मीठे पदार्थ जैसे की रेवड़ी, गजक आदि। सुबह नहाने वाले जल में भी तिल मिला लेने चाहिए।

सूर्य के ‪‎कर्क‬ राशि में उपस्थित होने पर ‪‎दक्षिणायन‬ कहा जाता है और उसके ‪मकर ‬राशि पर आने से ‪उत्तरायण‬ कहलाता है।

धर्मसिन्धु के अनुसार उत्तरायण के दिन तिलों के तेल के दीपक से हरिमंदिर में प्रकाश करना चाहिए , तिलों सहित चावलों से विधिपूर्वक हरि पूजन करना चाहिए। उत्तरायण में तिलों से उबटन, काले तिलों से स्नान, तिलों का दान, होम तथा भक्षण करना चाहिए।

मकर संक्रांति के दिन श्रीहरि को पंचामृत से अभिषेक करके गरीबों को कम्बल या गर्म कपड़े दान करने चाहिए।

नारद पुराण के अनुसार जो संक्रान्ति के दिन दूध आदि से श्रीहरि को अभिषेक करता है , वह इक्कीस पीढ़ियोंके साथ विष्णुलोक में वास करता है।

समारोह में महेश कुमार, सतीश सिंह, सुशील शर्मा, माधो दत्त तिवारी, सौरभ पाल, विभु गुप्ता, गोकुल जोशी, अवधेश शर्मा, दीपक अग्रवाल, नीरज कुमार, पुष्पेन्द्र यादव, बृजेश वशिष्ठ, राजेन्द्र शर्मा, संजय भण्डूला, सुनील कौशिक, राजेश चौबे, प्रवीन रोहेला, गिरीश भण्डूला, महेन्द्र यादव, नरेन्द्र अग्रवाल, पौनी सहगल, अरुण राठौर, नरेन्द्र सिंह, रानी वर्मा, सुमित अग्रवाल, अवधेश महरोत्रा आदि उपस्थित रहे।