मछली: पहली स्लाइस काटने पर दिखा कुछ ऐसा कि उड़ गए होश

कोझिकोड यूं तो लोग मछली को काफी स्वास्थ्यवर्धक मानते हैं लेकिन केरल में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसे पढ़ने के बाद आप मछली खाने से पहले दो बार सोचेंगे. दरअसल यहां एक महिला ने लोकल मार्केट से मछली खरीदी लेकिन उस मछली की जांच में उसमें कुछ ऐसा पाया गया जिसने कि चिंता को बढ़ा दिया.कोझिकोड की एक वरिष्ठ रोगविज्ञानी डॉ. नीना मम्पिली, जिन्हें ऑन्कोपैथोलॉजी में विशेषज्ञता हासिल है, ने अपने घर के पास के बाजार से ही मछली खरीदी थी. लेकिन जब घर लाकर वह उस मछली को काटने लगीं तो उन्होंने उसके एक स्लाइस को लैब में टेस्ट करने के लिए रख लिया. इस टेस्ट का जो नतीजा आया वह बेहद चिंताजनक था.

नीना ने मछली को काटने पर देखा कि जिस मछली को वह पकाकर अपने परिवार वालों को खिलाने वाली हैं उस पर फॉर्मेलिन लगा हुआ है. ये केमिकल खाने की सामग्री को स्टोर करके रखने में काम आता है. ये केमिकल मुख्य तौर पर मॉर्चुरी और साइंटिफिक लैब्स में पाया जाता है. इतना ही नहीं इस केमिकल को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स ऑफ इंडिया ने ब्लैकलिस्ट किया हुआ है.क्या हो सकते हैं इसके नुकसान?

खाने में ज्यादा मात्रा में फॉर्मलडिहाइड की मौजूदगी से पेट में गंभीर दर्द, उल्टी, कोमा, गुर्दे की चोट और मौत तक हो सकती है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि WHO की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) फॉर्मलडिहाइड को “मनुष्यों के लिए कार्सिनोजेनिक” के रूप में वर्गीकृत करती है, जिसमें मनुष्यों में नासॉफिरिन्जियल कैंसर पैदा करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं.एक बार उसके संदेह की पुष्टि हो जाने के बाद, डॉ. नीना ने अपनी खोज को अन्य चिकित्सा पेशेवरों के साथ शेयर किया. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक उसने डॉक्टरों के एक व्हाट्सएप ग्रुप में टेस्ट ट्यूब के अंदर निकाले गए बैंगनी घोल के साथ परीक्षण की गई मछली की तस्वीर शेयर की. इसे देख उनके सहयोगी हैरान रह गए और उन्होंने मामले की गंभीरता को समझा और इसे अन्य लोगों के साथ शेयर किया जिसके कारण यह केरल में व्हाट्सएप सनसनी बन गया।