सीमा हैदर के नेपाल के रास्ते भारत में घुसने के मामले में एसएसबी के इंस्पेक्टर और कांस्टेबल निलंबित

लखनऊ। सीमा हैदर से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है। लापरवाही में SSB के इंस्पेक्टर सुजीत वर्मा सस्पेंड कर दिया गया है। हेड कांस्टेबल चंद्र कमल भी निलंबित किए हैं। दोनों SSB की 43वीं बटालियन में तैनात थे। सीमा हैदर बस के जरिए नेपाल से आई थी। चेकिंग में लापरवाही परगिरी गाज।

 

 

निगाहबान कितने सतर्क हैं?

अब बात कर लेन अंजू से फातिमा बनी महिला की। यह सवाल तो पूछा ही जाएगा कि उसे मजे-मजे में पाकिस्तान का वीजा कैसा मिल गया। पाकिस्तानी एंबेसी से भारतीय नागरिकों को बहुत कम वीजा ही मिलते हैं। आप कभी पाकिस्तानी एँबेसी के गेट के बाहर जाकर खुद देख लें। उनका वीजा देने वाला गेट नेहरू पार्क की तरफ है। वहां पर बुजुर्ग मुसलमान वीजा के लिए सुबह से शाम तक बैठे होते हैं। वे सरहद के उस पार अपने करीबियों को मिलने जाना चाहते हैं। पर उन्हें पाकिस्तान वीजा देने से इंकार करता रहता है।

 

 

 

इसलिए ही ये सवाल पूछने का मन कर रहा है कि पाकिस्तान एंबेसी ने अंजू को अपने दोस्त से मिलने का वीजा कैसे दे दिया? पाकिस्तान में मुहाजिरों के हकों के लिए लड़ने वाली मुताहिदा कौमी मुवमेंट (एमक्यूएम) के नेता अल्ताफ हुसैन 2004 में राजधानी दिल्ली आए थे। वे तब कह रहे थे कि दोनों पड़ोसी मुल्कों के संबंध खराब होने के कारण देश के बंटवारे के समय बंट गए परिवार भी हमेशा-हमेशा के लिए एक-दूसरे से दूर हो गए। कारण यह है कि अब दोनों देशों का वीजा लेना मुश्किल हो गया है। भारत तो पाकिस्तान के नागरिकों को वीजा देने में इसलिए बहुत एहतियात बरतता है, क्योंकि; वहां से पाकिस्तान भारत में आतंकी तत्वों को भेजता रहा है। हालांकि वहां से हजरत निजामउद्दीन औलिया के उर्स में भाग लेने के लिए इस बार भी बहुत से तीर्थ यात्रियों को भारत ने वीजा दिया था। पर पाकिस्तान तो भारत के लेखकों, पत्रकारों, डाक्टरों को भी वीजा देने से आनाकानी करता है। पर उसने अकेली अंजू को वीजा देने में गजब की जल्दी दिखाई। इसलिए शक तो होता है कि आखिर पाकिस्तान ने किस वजह से उसे फटाफट वीजा दिया।

 

 

 

एक दौर में हर साल सैकड़ों निकाह होते थे,जब दूल्हा पाकिस्तानी होता था और दुल्हन हिन्दुस्तानी। इसी तरह से सैकड़ों शादियों में दुल्हन पाकिस्तानी होती थी और दूल्हा हिन्दुस्तानी। सरहद के आरपार निकाह इसलिए बंद हो गए, क्योंकि; पाकिस्तान लगातार भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देता रहा। वीजा और फिर नागरिकता पाने के झंझट से बचने के लिए बहुत सारे लोग सीमा के उस पार अपना जीवन साथी खोजना बंद कर चुके हैं। पाकिस्तान के भारत के खिलाफ छदम युद्ध जारी रखने की नीति के कारण दोनों देशों के नागरिकों को ही सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। मुंबई हमलों से पहले दिल्ली-मुंबई में पाकिस्तान से शायर, लेखक, फिल्मी कलाकार बराबर आते रहते थे। दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में पाकिस्तान के मशहूर शायर अहमद फराज को लगातार देखा जा सकता था। उनका एक मशहूर शेर है ‘’रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ, आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ।’

 

 

 

खैर, हर हालत में भारत की सुरक्षा और जांच एजेंसियों को यह गहराई से जाँच कर पता लगाना चाहिए कि सीमा कैसे भारत आ गई और अंजू भारत से पाकिस्तान कैसे चली गई। इन दोनों के कथित प्रेम के पीछे का सच सामने आना ही चाहिए। पाकिस्तान हमें बार-बार नुकसान पहुंचाता रहा है। वहां पर आम लोगों की जिंदगी कठिन होती जा रही है। राजनीतिक अस्थिरता और महंगाई के कारण आम इंसान का जीना मुश्किल हो गया है। इसलिए वहां की जनता सड़कों पर आने को बेताब है। इस सच्चाई से पाकिस्तान सरकार अवगत है। इसलिए वह कुछ इस तरह का हथकंडा अपना सकती है कि पाक की जनता को उसके मूल सवालों से भटकाया जा सके।