किस तरह पास हुआ दिल्ली सर्विस बिल जानें राज्यसभा का गणित

 

दिल्ली। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों के जोरदार हंगामे के बीच राज्यसभा से दिल्ली सर्विस बिल पास हो गया। इस विधेयक पर राज्यसभा में वोटिंग कराई गई। वोटिंग के दौरान मशीन खराब हो गई।इसके बाद पर्ची से वोट डाले गए। वोटिंग के बाद मतों की गिनती की गई। 131 वोट बिल के समर्थन में पड़े। जबकि 102 सांसदों ने दिल्ली सर्विस बिल के विरोध में वोट किया। इससे पहले लोकसभा में दिल्ली सर्विस बिल 3 अगस्त को पेश किया गया था और उसी दिन पास हुआ था।

राज्यसभा का गणित

NDA- 110
INDIA- 99
अन्य- 29
खाली सीटें- 07
कुल सांसद- 245
बहुमत- 120

NDA में कौन-कौन शामिल

बीजेपी- 92
एआईएडीएमके- 04
एजीपी- 01
एमएनएफ- 01
एनपीपी- 01
पीएमके- 01
आरपीआई- 01
एसडीएफ- 01
टीएमसी-01
यूपीपीएल- 01
इंडिपेंडेंट- 01
नॉमिनेटेड- 01

INDIA में कौन-कौन शामिल

कांग्रेस- 31
तृणमूल- 13
आप- 10
डीएमके- 10
राजद-06
सीपीआईएम- 05
जेडीयू- 05
एनसीपी- 04
सपा- 03
उद्धव शिवसेना- 03
सीपीआई-02
झामुमो- 02
आईयूएमल- 01
केरल कांग्रेस एम- 01
एमडीएमके- 01
रालोद- 01
इंडिपेंडेंट- 01

अन्य में कौन-कौन पार्टियां

बीजेडी- 09
वाईएसआरसीपी- 09
बीआरएस- 07
बसपा- 01
जेडीएस- 01
टीडीपी- 01
इंडिपेंडेंट- 01

ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी और आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर के पास 9-9 सांसद हैं। इन्हें मिलाकर भाजपा को 128 सांसदों का समर्थन मिला है।

आप ने जारी किया था व्हिप

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अपने सांसदों को राज्यसभा में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया था। आप सांसद राघव चड्ढा, कांग्रेस सांसद जेबी माथेर और नसीर हुसैन ने राज्यसभा में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए 267 नियम के तहत नोटिस दिया है।

राघव चड्ढा बोले- नेहरूवादी मत बनिए

आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि ये बिल एक राजनीतिक धोखा है। गृहमंत्री अमित शाह कह रहे हैं कि पंडित नेहरू दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के पक्ष में नहीं थे। मैं बता दें कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए संसद में बिल लेकर आए थे। ये बिल लाकर उनके संघर्ष का अपमान कर रहे हैं।