Tuesday, July 15, 2025
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स्कूटर चलाते अमित शाह, पीछे बैठते नरेंद्र मोदी; गली-गली में पोस्टर चिपका रचा था इतिहास

 

बात 1987 की है। उसी साल नरेंद्र मोदी को बीजेपी की गुजरात इकाई का महासचिव बनाया गया था। उनकी नियुक्ति के बाद ही जनवरी में अहमदाबाद नगर निगम चुनाव का ऐलान हुआ था। उस वक्त अमित शाह बीजेपी के अहमदाबाद सिटी इकाई के सचिव थे।इन्हीं चुनावों की तैयारियों के सिलसिले में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की पहली बार मुलाकात हुई थी। मोदी उस चुनाव में पुरानी सियासी परंपराओं और चुनावी आंकड़ों को बदल देना चाहते थे। एक तरह से यह चुनाव मोदी के लिए लिटमस टेस्ट था।

 

मोदी भी चुनावों के जरिए प्रदेश और पार्टी में अपनी नई पहचान बनाना चाहते थे। लिहाजा, उनकी आंखों में पार्टी को जीत दिलाने के सपने तैर रहे थे और इसके लिए वह जी-तोड़ मेहनत भी कर रहे थे। इस मेहनत में अमित शाह उनके अहम साथी और सारथी बनकर उभरे थे।

 

एक-एक गली का दौरा करते थे मोदी-शाह

वरिष्ठ पत्रकार और ‘2019: हाऊ मोदी वोन इंडिया’ किताब के लेखक राजदीप सरदेसाई ने एक कार्यक्रम में बताया था कि अहमदाबाद नगर निगम चुनावों में मोदी और शाह की जोड़ी ने एक-एक वार्ड के चुनाव की तैयारियों का जिम्मा अपने कंधों पर उठा रखा था। बकौल, राजदीप सरदेसाई दोनों नेता अहमदाबाद की हरेक गली में जाकर देखते थे कि हर गली और चौक-चौराहे पर बीजेपी नेताओं, उम्मीदवारों के पोस्टर चिपके हुए हैं या नहीं? अगर नहीं तो वो पोस्टर भी चिपकाते थे।

 

स्कूटर चलाते थे अमित शाह

सरदेसाई ने बताया कि दोनों नेता स्कूटर पर शहर का दौरा करते थे। अमित शाह स्कूटर चलाते थे जबकि मोदी स्कूटर के पीछे बैठे होते थे। मोदी ने उस चुनाव की रणनीति बहुत बारीकी से बनाई। यहां तक कि चुनाव प्रचार में अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी समेत कई दिग्गजों को भी उतारा था। मोदी ने अंडर करंट को पहचान लिया था और उसे एंटी कांग्रेस मुहिम बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।

 

बीजेपी ने रचा था इतिहास

इसका नतीजा भी बेहतरीन रहा। बीजेपी ने अहमदाबाद निकाय चुनाव में भारी जीत दर्ज करते हुए इतिहास रच दिया। वहां अपना मेयर भी बनाया था। उसके बाद से आज तक अहमदाबाद पर बीजेपी का कब्जा रहा है। कुछ सालों बाद 1990 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की थी। तब पहली बार बीजेपी ने जनता दल के चिमनभाई पटेल के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। इसके पांच साल बाद 1995 में बीजेपी ने अपने दम पर गुजरात में सत्ता में आकर इतिहास रचा।

 

मोदी का चुनाव प्रबंधन

अमित शाह ने एक आलेख में लिखा था, “चुनाव का प्रभार मिलने के बाद नरेंद्र भाई ने हमें ऊंचे लक्ष्य रखना और योजनाबद्ध तरीके से योजना बनाना सिखाया। कई मायनों में उन्होंने हमें चुनाव और चुनाव प्रचार पर पुनर्विचार करने और उनकी फिर से कल्पना करने में मदद की। अहमदाबाद में भाजपा शहर इकाई के सचिव के रूप में, मैंने उन्हें करीब से सुना और देखा और फिर उन्होंने जो हमें बताया, उस पर अमल करना शुरू किया। मोदी की रणनीति का मूल आधार सरल था: चुनाव के लिए पार्टी और संघ नेटवर्क की ताकत और क्षमताओं को जुटाना और उसे इस्तेमाल करना। इसका परिणाम आश्चर्यजनक था। भाजपा ने नगर निगम की अधिकांश सीटों के साथ-साथ मेयर पद पर भी जीत हासिल कर ली थी।”