Monday, November 3, 2025
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कभी सब्जीवाला तो कभी ऑटोवाला; बिट्टू बजरंगी की ‘राज कुमार’ वाली कहानी

 

नूंह में 6 लोगों की जिंदगी छीन लेने वाली हिंसा में आरोपी बिट्टू बजरंगी अब पुलिस की गिरफ्त में है। पुलिस उससे हिंसा में उसकी हिस्सेदारी को लेकर सवाल-जवाब कर रही है। आरोप है कि बिट्टू बजरंगी ने एक महिला पुलिस अधिकारी के सामने हथियार लहराते हुए सरकारी कामकाज में बाधा डाली।यात्रा के दौरान उनका एक भड़काऊ वीडियो भी सामने आया जिसे हिंसा के लिए वजहों में गिना जा रहा है। खुद को ‘जिहादियों का जीजा’ कहने वाला बिट्टू बजरंगी खुद को गौ-रक्षक के लिए समर्पित बताता है।

 

संघर्ष में गुजरा है वक्त

नूंह हिंसा के बाद चर्चा में आया बिट्टू बजरंगी पिछले कुछ सालों से गौ-रक्षा, लिव जिहाद और हिंदू एकता जैसे मुद्दों को लेकर फरीदाबाद में सक्रिय रहा है। उसका असली नाम भले ही राजकुमार हो लेकिन अब तक जिंदगी गुरबत में ही गुजरी है। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से बेहद कम उम्र से ही राजकुमार उर्फ बिट्टू बजरंगी ने सब्जी बेचना शुरू कर दिया था। पहले वह दिल्ली में सब्जी बेचा करता था। करीब तीन दशक पहले जब फरीदाबाद आया तो उसने सब्जी का कारोबार जारी रखा। कभी ठेले पर लेकर आलू-प्याज बेचा तो कभी कहीं सब्जी की दुकान लगाई। बाद में परिवार चलाने के लिए उसने ऑटो भी चलाया।

 

कैसे बना हिंदूवादी कार्यकर्ता

सब्जी बेचते हुए ही बिट्टू बजरंगी कुछ हिंदूवादी कार्यकर्ताओं के संपर्क में आया। काम-धंधे से समय निकालकर वह धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने लगा। पिछले 6-7 साल से वह गौरक्षा के लिए काम करने लगा। अपनी खास पहचान बनाने के लिए उसने गौरक्षा टाइगर फोर्स नाम से संगठन भी बनाया। वह हिंदुत्व से जुड़े तमाम मुद्दों पर अपनी बात मुखरता से रखने लगा। कभी हिंदुओं की एकता के लिए यात्रा निकालना तो कभी लव जिहाद के खिलाफ मोर्चा निकालने की वजह से वह हिंदुवादी कार्यकर्ताओं के बीच अपनी पहचान बना चुका है। फरीदाबाद के कई थानों में उसके खिलाफ पहले भी भड़काऊ बयानबाजी को लेकर शिकायत दर्ज हो चुकी है। हाल ही में उसे इस तरह के एक केस में जेल भी जाना पड़ा था।

 

खुद को बताता है जिहादियों का जीजा

बिट्टू बजरंगी सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहता है और खुद को अक्सर ‘जिहादियों का जीजा’ कहता है। नूंह में ब्रजमंडल यात्रा के दौरान भी इसने ‘जीजा वाला’ एक कॉमेंट किया था। बाताया जाता है कि समुदाय विशेष के लोग इस बयान के बाद भड़क उठे थे। मोनू मानेसर के अलावा लोग बिट्टू बजरंगी से भी बदला लेना चाहते थे।