खुशखबरी: पोंजी स्कीम में मध्यस्थता से फर्जीवाड़े के विवादों के निपटारे का रास्ता साफ

 

उत्तर प्रदेश में पोंजी स्कीम में पैसे के बदले किसी तरह का लाभ देने का वादा कर उसे पूरा न करने से जुड़े विवाद का मध्यस्थता के जरिये निपटारा करने का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए लाए गए प्रस्ताव को देर शाम कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के माध्यम से मंजूरी दे दी गई है।

 

दोनों पक्षों की सहमति से 25 लाख रुपये तक के विवाद की सुनवाई सक्षम प्राधिकारी के रूप में मंडलायुक्त कर सकेंगे। इससे अधिक धनराशि वाले मामलों का निपटारा अपर मुख्य सचिव, वित्त की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय पर्यवेक्षणीय समिति करेगी। इससे फर्जी फर्मों और कंपनियों के जरिये लुभावने ऑफर देकर जनता को ठगने वाली योजनाओं पर शिकंजा कसा जा सकेगा।

 

प्रदेश सरकार ने अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी अधिनियम-2019 पर अमल के लिए नियमावली बनाई थी, जिसका कैबिनेट ने अनुमोदन कर दिया। केंद्र सरकार ने पहले ही पोंजी स्कीम चलाकर लोगों से पैसा जमा कराने व उसके बदले दिए जाने वाले लाभ के वादे को पूरा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान किया है।