राम मंदिर में इस दिन से शुरू होंगे अनुष्ठान, जानें- कब से रामलला के दर्शन कर पाएंगे श्रद्धालु

 

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर में रामलला के प्रतिष्ठापन समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले अगले साल 16 जनवरी से शुरू होंगे. वाराणसी के वैदिक पुजारी लक्ष्मी कांत दीक्षित 22 जनवरी 2024 को रामलला के अभिषेक समारोह का मुख्य अनुष्ठान करेंगे. ज्योतिषियों और वैदिक पुजारियों से परामर्श के बाद श्री राम जन्मभूमि तीरथ क्षेत्र ट्रस्ट ने 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे से 12.45 बजे के बीच राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला को विराजमान करने का निर्णय लिया है.

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राण-प्रतिष्ठा (अभिषेक) समारोह की अध्यक्षता करेंगे. इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहेंगे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा, “राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रोटोकॉल के तहत (प्रधानमंत्री की उपस्थिति में) समारोह में शामिल होंगे.”

 

4,000 संतों को किया है आमंत्रित

 

उन्होंने कहा कि आमंत्रित अतिथि प्रधानमंत्री के जाने के बाद ही रामलला के दर्शन कर सकेंगे. चंपत राय ने कहा कि ट्रस्ट ने रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए सभी संप्रदायों के 4,000 संतों को आमंत्रित किया है. ट्रस्ट ने समाज के सभी क्षेत्रों के 2,500 प्रमुख लोगों को भी आमंत्रित किया है. इनमें वैज्ञानिक, परमवीर चक्र पुरस्कार विजेता और उनके परिवार के सदस्य, मृत कार सेवकों के परिवार के सदस्य और कलाकार शामिल हैं. राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया है.

 

23 जनवरी से भक्तों के लिए खोला जाएगा

 

राय ने कहा कि हमने समाचार पत्रों और समाचार चैनलों के 100 से अधिक मालिकों को भी आमंत्रित किया है. राम जन्मभूमि परिसर में जगह की उपलब्धता के अनुसार लोगों को समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है. मेहमानों को अपना आधार कार्ड लाना होगा. चंपत राय ने कहा कि मेहमानों को राम जन्मभूमि पर करीब तीन घंटे बैठना होगा. मंदिर 23 जनवरी से भक्तों के लिए खोला जाएगा. श्री राम जन्मभूमि तीरथ क्षेत्र ट्रस्ट ने ठंड के मौसम की स्थिति के कारण विभिन्न संप्रदायों के बुजुर्ग प्रमुखों से जनवरी के बजाय फरवरी में अयोध्या आने की अपील भी की है.