दुआ के साथ उर्से अजमली का समापन

 

 

सम्भल:- मरकज़ी मदरसा अहले सुन्नत अजमल उल उलूम के संस्थापक हज़रत *मुफ़्ती अजमल शाह* क़ादरी का 62 वां उर्स पूरी शान से मनाया गया।

आज क़ुल शरीफ़ की तक़रीब में हज़ारों अकीदतमंदों की भीड़ जमा हुई। प्रोग्राम का आग़ाज़ क़ुरआने पाक की तिलावत से *क़ारी सरताज* ने किया। *समीर अजमली* ने हम्द, और *वासिफ़ अजमली* ने नाते पाक पेश की। *उसामा, सैफ़ुल्लाह सुल्तानी व क़ारी अलाउद्दीन अजमली*(शहर मुफ़्ती) ने *मनक़बत* का नज़राना पेश किया। अल्हाज *ख़्वाजा कलीम अशरफ़* ने कहा “मुफ़्ती अजमल शाह क़ादरी शहर सम्भल के सबसे बड़े मुफ़्ती थे, सदरुल अफ़ाज़िल हज़रत नईमुद्दीन मुरादाबादी के शागिर्द थे और अपने उस्ताद से बहुत लगाव था, और उस्ताद भी अपने इस शागिर्द को बहुत नवाज़ते थे। वह अशरफियत व रिज़्वियत का संगम थे। मदरसा अजमल उल उलूम में तमाम ख़ानक़ाहों के ज़िम्मेदार आते रहे हैं।

*मुफ़्ती आसिफ़ रज़ा बरकाती* ने कहा “मुफ़्ती अजमल शाह महान विद्वान थे। जहाँ भी गए दीन का काम किया और दीन के लिए किसी की परवाह नहीं की। फिर चाहे वह कोई आम आदमी हो या फिर चाहे कोई ख़ास आदमी हो। सन 1986 में यूपी के गवर्नर भी मुफ़्ती अजमल शाह के मज़ार पर हाज़िरी देने आए थे”। *क़ारी सुलेमान अजमली, मौलाना ग़ुलाम रब्बानी* ने भी तक़रीर की। सलातो सलाम के बाद *क़ारी तनज़ीम अशरफ़ अजमली* ने मुल्क व क़ौम की सलामती के लिए दुआ करायी। संचालन *मुफ़्ती आलम रज़ा नूरी, क़ारी यूसुफ़ रज़ा सम्भली* ने किया।

पूरे प्रोग्राम की व्यवस्था *क़ारी वसी अशरफ़, तक़ी अशरफ़, गुलवेज़ क़मर* ने संभाली।

मोहल्ला खग्गू सराय के सरफ़राज़ भाई और लोगों की जानिब से उर्स में आए तमाम लोगों को लंगर खिलाया गया। *क़ादरी नौशाही* टीम और *सरताज साहब* की जानिब से चादर पेश की गयी।

प्रोग्राम में *सय्यद इनामुद्दीन साहब, सांसद सम्भल डॉ० शफीक़ुर रहमान बर्क़, विधायक कुन्दरकी ज़ियाउर रहमान बर्क़, चेयरपर्सन पति चौधरी मुशीर, मुफ़्ती शाहिद, मुफ़्ती निसार, मुफ़्ती अशफ़ाक़, मौलाना ग़ुलाम रहमानी हबीबी, मौलाना ग़ुलाम ग़ौस, मौलाना महबूब मिस्बाही, मौलाना ज़ियाउल मुस्तफ़ा, मौलाना नफ़ीस अख़्तर, मौलाना फ़ाज़िल मिस्बाही, मौलाना ज़हीरुल इस्लाम, मौलाना नूर आलम, क़ारी शुऐब अशरफ़ी, क़ारी ग़ुलाम मुदस्सिर, मौलाना शमशाद, मौलाना अहमद रज़ा* मौजूद रहे। मदरसा कमेटी से *हाजी ज़फ़ीर अहमद, सय्यद अब्दुल क़दीर, फ़रीद एडवोकेट, हाजी नदीम* ने आने वाले लोगों का शुक्रिया अदा किया।