सोशल मीडिया की धमक से मुखौटे की चमक फीकी, दिल्ली के दुकानदार को ग्राहकों का इंतजार

 

लोकसभा चुनाव को लेकर तारीखों की घोषणा होने के बाद भी दुकानदार ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं, जबकि कुछ साल पहले तक चुनाव नजदीक आते ही बाजारों में रौनक बढ़ जाती थी।चुनावी प्रचार में सोशल मीडिया की धमक से मुखौटे की चमक फीकी हो गई है।

लोकसभा चुनाव को लेकर तारीखों की घोषणा होने के बाद भी दुकानदार ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं, जबकि कुछ साल पहले तक चुनाव नजदीक आते ही बाजारों में रौनक बढ़ जाती थी। पार्टी के नेता मुखौटे के साथ बैज, टोपी, झंडे, टी शर्ट, पैन, लड़ी, कट आउट, मफलर, छाता, स्टीकर, गुब्बारा, माला, कलाई बैंड, सन कैप, गमछा, कार पर लगाने वाले झंडे बनवाने के लिए आने लगते थे।

चुनावी सीजन में दुकानदारों के पास समय नहीं होता था, लेकिन इस बार सब कुछ ठंडा चल रहा हैं। दुकानदार उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द सब कुछ अच्छा होगा।सदर बाजार के झंडा व्यापारी मनोज कुमार गर्ग ने बताया कि चुनाव के ऐलान से चार-पांच माह पहले ही मांग बढ़ जाती थी, लेकिन इस बार सब कुछ ठंडा दिख रहा है।

यहां पर उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान सहित पूरे देश की राजनीतिक पार्टियां सामान बनवाती हैं। चुनाव के दौरान करोड़ों रुपये का व्यापार होने की उम्मीद रहती है, लेकिन इस बार अभी तक रौनक नहीं आई है। दुकानदार देशभर की पार्टियों के लिए सैंपल तैयार करके बैठे हैं।