कड़वा सच : गाजियाबाद लूटकांड मामले में बड़े बड़े अफसरों के छूटे पसीने
लखनऊ। एक तरफ जहां सीएम योगी उत्तर प्रदेश में गुंडाराज खत्म करने का दावा करते हैं तो वहीं दूसरी ओर गाजियाबाद में लूट की वारदातें काफी बढ़ रही है। अपराधी बेखौफ होकर लूट की वारदातों को अंजाम दे रहें है। और लगातार बढ़ती लूट की घटनाएं पुलिस अधिकारियों के लिए सिरदर्द बनी हुई है। गाजियाबाद में लूट की वारदातें IPS अफसरों से लेकर सरकार तक के लिए सिरदर्द बन गई। लूट से भी बड़ी बात थी उन बदमाशों का सड़क पर बाइक गिराकर पिस्टल तानकर लूटते हुए लाइव फोटो वायरल हो जाना।
4 अफसर जिन पर इस लूटकांड ज्यादा प्रभाव पड़ा
यह सिर्फ एक फोटो नहीं, सीधे-सीधे योगी सरकार के प्रशासनिक तंत्र को चुनौती थी। ऐसा लगने लगा कि गाजियाबाद में सड़कों पर गुंडाराज है। बता दे कि, इस लूटकांड के आगे कई IPS अफसर भी सरेंडर कर गए। यह वारदात 28 मार्च को हुई थी, जिसमें पेट्रोल पंप कर्मचारियों से 25 लाख रुपए लूट लिए गए थे।आपको बताएंगे 4 ऐसे अफसरों की कहानी, जिन पर इस लूटकांड का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा।
ईरज राजा, एसपी (ग्रामीण) गाजियाबाद
बता दे कि, 2017 बैच के IPS ऑफिसर डॉ.ईरज राजा पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से गाजियाबाद में बतौर एसपी (ग्रामीण) तैनात हैं। इससे पहले वह MBBS डॉक्टर थे और उसको छोड़कर भारतीय पुलिस सेवा में आए थे। 25 लाख रुपए की लूट जिस इलाके में हुई, उसके सुपरविजन का प्रभार ईरज राजा पर ही है। 2 अप्रैल की रात एनकाउंटर में इस लूट में शामिल एक लुटेरे को गोली लगने के बाद पुलिस को थोड़ी राहत मिली। ईरज राजा ने ट्वीट करते हुए लिखा- ‘4 साल की मेरी नौकरी का मानसिक एवं शारीरिक रूप से शायद सबसे ज़्यादा थकाने वाला केस। बहुत बहुत आभार टीम का।’
पवन कुमार, पूर्व SSP गाजियाबाद
पवन कुमार अगस्त 2021 में एसएसपी गाजियाबाद बनकर आए। इनकी गिनती ईमानदार अफसरों में होती है। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर फेल साबित हुए। 25 लाख रुपए की लूट 28 मार्च को हुई और 31 मार्च को मुख्यमंत्री ने एसएसपी पवन कुमार को सस्पेंड कर दिया। राजस्थान में हनुमानगढ़ के रहने वाले पवन कुमार 2009 बैच के IPS ऑफिसर हैं। उनके कार्यकाल में सिर्फ ढाई महीने में ही सवा सौ से ज्यादा लूट की वारदात हुईं। कार्रवाई हुई 25 लाख रुपए वाली लूट पर। लूट की लाइव तस्वीरें कानून व्यवस्था को तमाचा मारने जैसी थीं।
LR कुमार, डीआईजी (विजिलेंस) लखनऊ
जानकारी के अनुसार, एसएसपी के सस्पेंड होने के बाद यूपी के IG (कानून व्यवस्था) संजीव गुप्ता ने एक अप्रैल को कानून व्यवस्था संभालने के लिए अस्थायी तौर पर डीआईजी (विजिलेंस) LR कुमार को गाजियाबाद भेजने का आदेश किया। दो अप्रैल की रात तक भी वे गाजियाबाद नहीं पहुंचे। शासन में बैठे उच्च अधिकारियों ने छानबीन कराई तो पता चला कि वे बीमार हो गए हैं और छुट्टी पर चले गए हैं। इसके बाद दो अप्रैल की रात को ही नया आदेश जारी हुआ और एसपी इंटेलिजेंस मुनीराज जी को लखनऊ से कार्यवाहक SSP बनाकर गाजियाबाद भेजने का आदेश हुआ। तीन अप्रैल की सुबह मुनीराज जी ने गाजियाबाद पहुंचकर कार्यभार ग्रहण कर लिया।
प्रवीण कुमार, IG मेरठ रेंज
जिला गाजियाबाद भी मेरठ रेंज के आईजी प्रवीण कुमार के सुपरविजन में आता है। इसलिए यहां की कानून व्यवस्था यदि बिगड़ती है तो आईजी की भी जिम्मेदारी बनती है। 25 लाख रुपए की लूट के बाद आईजी यहां कैंप किए हुए हैं। वे एक थानेदार की भांति गाजियाबाद की गली-गली में फुट पेट्रोलिंग कर रहे हैं, पब्लिक से बात कर रहे हैं और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं।