Wednesday, March 19, 2025
कला एवं साहित्य

डिजीटल युग की पत्रकारिता में पत्रकार के लिए भी मई दिवस अब बेमानी सा ही हो गया

लखनऊ। आजकल के डिजीटल युग की पत्रकारिता में पत्रकार के लिए भी मई दिवस अब बेमानी सा ही हो गया है। राष्ट्रीय एवम प्रादेशिक पत्रकार संघठन भी अब गुटों में ही सिमट कर अपना अस्तित्व बचाने को भी एक दूसरे को नीचा दिखाने की वाली प्रवृत्ति मन में रख कर कथित काल्पनिक संघर्ष कर रहे हैं। पत्रकार उत्पीड़न के बाद भी लखनऊ में भी पत्रकार संघठन एवम प्रेस क्लब गतिविधियां भी शांत ही रही हैं। देश प्रदेश की सरकार भी पत्रकारों को कोरोना वारियर्स मानने से कतराती रही। उस कोविड 19 वाले दौर में कई पत्रकार साथी काल कवलित भी हुए जिनको उपजा की ओर से सादर श्रद्धांजलि । सरकार की राहत देने वाली घोषणा के बाद प्रशासनिक फ्रेम वाली कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं होने से काफी श्रमजीवी पत्रकार उसमें फिट नहीं हो सके। इसके चलते उनके आश्रित कोई भी राहत पाने से वंचित ही रह गए।