राज्यसभा की 11 सीटों के लिए भाजपा और सपा में होगा मुकाबला, कुछ इस तरह समझिए सियेसी गणित को

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच एक और तगड़ा मुकाबला होने वाला है। हालांकि, इसमें शुरुआत से ही भाजपा का पलड़ा भारी दिख रहा है। यह मुकाबला है राज्यसभा चुनाव का, जिसकी सूबे में 11 सीटें खाली हो रही हैं। जिन राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है, उनमें सबसे ज्यादा 5 भाजपा के ही सांसद हैं। बागी 3 सपा, 2 बसपा और 1 कांग्रेस के सांसद हैं। बीते चुनाव के बाद 403 विधायकों वाली यूपी विधानसभा में सत्ताधारी बीजेपी गठबंधन के पास 273 विधायक हैं।

वहीं मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगी दलों के विधायकों की कुल संख्या 125 बनती है। जुलाई में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के जो 11 सीटें खाली हो रही हैं, उसमें से प्रत्येक सीट के लिए कम से कम 37 विधायकों का वोट चाहिए। इस हिसाब से भाजपा गठबंधन 7 सीटों पर आसानी से जीत दर्ज कर सकता है और 3 सीटों पर सपा गठबंधन की जीत पक्की लग रही है। असल मुकाबला 11वीं सीट के लिए होना है, जिसके लिए दोनों ही गठबंधन को बाकी दलों का समर्थन चाहिए।

यूपी से राज्यसभा की 11वीं सीट पर किसी भी उम्मीदवार की जीत के लिए कांग्रेस, बाहुबली विधायक राजा भैया की जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) और बसपा की भूमिका अहम हो जाएगी. क्योंकि, कांग्रेस के 2, जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के 2 और BSP के 1 विधायक हैं। इनमें से सपा को कांग्रेस का समर्थन मिलना लगभग तय है। इसी तरह राजा भैया की चुनावों से पहले जिस तरह से सपा चीफ अखिलेश यादव से तल्खी बढ़ी थी तो वह भाजपा गठबंधन के साथ जा सकते है।

बसपा के बारे में फिलहाल कोई भी अटकल लगाना मुश्किल है भाजपा गठबंधन के पास अपने सात उम्मीदवारों को वोट देने के बाद 24 अतिरिक्त वोट बचेंगे और सपा गठबंधन के पास 19 अतिरिक्त वोट यानि मौजूदा गुना-गणित के हिसाब से 11वीं सीट पर भी सत्ताधारी गठबंधन का पलड़ा भारी पड़ सकता है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा 2022 के चुनावों में प्रचंड बहुमत कायम करने वाली भारतीय जनता पार्टी अपनी शानदार जीत के बाद अब विधायकों की संख्या बल से राज्यसभा में अपनी दावेदारी और मजबूत करेगी।

आपको बता दें कि, राज्यसभा में उत्तर प्रदेश से 31 राज्यसभा सदस्य जाते हैं, जिनमे से भाजपा के मुस्लिम चेहरे जफर इस्लाम, शिव प्रताप शुक्ला, संजय सेठ, सुरेंद्र नागर और जय प्रकाश निषाद का कार्यकाल खत्म हो रहा है। वहीं, समाजवादी पार्टी से सुखराम सिंह यादव, रेवती रमण सिंह, विशंभर प्रसाद निषाद और बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा और अशोक सिद्धार्थ और कांग्रेस के कपिल सिब्बल इस सूची में शामिल है उत्तर प्रदेश से जुलाई में खाली हो रही इन सीटों के लिए चुनाव 10 जून को होगा।