कानपुर में एक पक्षीय कार्रवाई का विरोध : कलेक्ट्रेट गेट से सपाई गिरफ्तार, मुशायरा ग्राउंड पर रिहा

मुरादाबाद। पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद मुस्तफा (सल.) पर आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। गुरुवार को समाजवादी पार्टी ने कानपुर हिंसा में एक पक्षीय कार्रवाई के विरोध में कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करते हुए गिरफ्तारी दी। आंदोलन की रणनीति में चूक के कारण पुलिस ने कलेक्ट्रेट गेट से सपाइयों को गिरफ्तार करके मुशायरा ग्राउंड में ले गए और रिहा कर दिया। चंद लम्हों के गिरफ्तारी और रिहाई शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग कहने लगे हैं कि सपा ने बड़े मुद्दे पर छोटी राजनीति की है। खास बात यह रही कि सपा के आंदोलन में कोई जनप्रतिनिधि भी शामिल नहीं हुआ।

सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराएं जांच

दरअसल, महानगर समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को कानपुर में हुए बवाल के बाद एक पक्षीय कार्रवाई के खिलाफ कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। प्रतीकात्मक तौर पर गिरफ्तारी के बीच सपा ने मुख्य न्यायाधीश को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया गया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार के दबाव में पुलिस प्रशासन द्वारा एकपक्षीय कार्रवाई पर रोक लगाकर निष्पक्ष कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में एसआइटी का गठन कर हिंसा की निष्पक्ष जांच की मांग भी की है। सपा ने कहा है कि शासन ने जिलाधिकारी का स्थानांतरण कर दिया जबकि एकतरफा कार्रवाई कर रहा है पुलिस अधिकारी अभी तैनात हैं। उन्होंने कहा कि कानपुर हिंसा में कार्रवाई से शासन व प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

सरकार विरोधी नारेबाजी की सपाइयों ने

इससे पहले सपाइयों ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट गेट पर प्रदर्शन किया। कलेक्ट्रेट में मौजूद पुलिस अधिकारियों ने सपाइयों को पुलिस वाहन में बैठाकर कलेक्ट्रेट के अंदर मुशायरा ग्राउंड लेजाकर रिहा कर दिया। प्रदर्शन का नेतृत्व महानगर अध्यक्ष शाने अली शानू ने किया। इस मौके पर विजयवीर सिंह यादव, तुंगीश यादव, सलामत खान, आसिफ, युसूफ अली, अमीर अंसारी, रफीउद्दीन पाशा, जबी खान, रामप्रकाश, तलत, यूसुफ खलीफा, बाबर खां, शीरी गुल, गोविंद प्रजापति, शाकिर, अशोक सैनी, मुख्तार हुसैन एडवोकेट, अकरम, मो. अफनान, मो. अनवर आदि शामिल रहे।