राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी गठबंधन से द्रोपदी मुर्मू का नंबर गेम में पलड़ा काफी भारी
बीजेपी गठबंधन से द्रोपदी मुर्मू एवम विपक्ष से यशवंत सिन्हा होंगे आमने सामने निर्भय सक्सेना बरेली। आगामी जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में इस बार राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी गठबंधन से द्रोपदी मुर्मू एवम विपक्ष से यशवंत सिन्हा आमने सामने होंगे। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू के नाम की घोषणा कल की थी। अब संभावना यह भी लग रही है कि बीजेपी की ओर से मोहम्मद आरिफ को उप राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में शायद लाया जाए। एन डी ए की बैठक में अब झारखंड की पूर्व राज्यपाल, उड़ीसा सरकार में मंत्री रही आदिवासी संथाल समुदाय की 64 वर्षीय द्रोपदी मुर्मू के नाम पर मोहर लग गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्रोपदी मुर्मू को एन डी ए का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने पर शुभकामनाएं दी हैं। द्रोपदी मुर्मु का जन्म 20 जून 1958 को देश की आजादी के बाद हुआ था। वह आदिवासी संथाल समुदाय से हैं। राजनीति जगत में द्रोपदी मुर्मू पहले पार्षद बनी थीं। उसके बाद वर्ष 2000 में द्रोपदी मुर्मू उड़ीसा में विधायक बनी। वह बीजेपी बीजद सरकार में दो बार उड़ीसा सरकार में मंत्री भी रहीं। द्रोपदी मुर्मु के परिवार में अब अपनी बेटी इतिश्री ही है। पति श्याम मुर्मू एवम दो बेटों का काफी पहले निधन हो गया था। चुनाव आयोग ने भारत के राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान की तिथि 18 जुलाई एवम मतगणना की तिथि भी 21 जुलाई 2022 घोषित कर दी थी। इसके साथ ही देश का अगला राष्ट्रपति चुने जाने की गतिविधियां भी शुरू हो गई हैं। देश के राष्ट्रपति चुनाव में इस बार भी केंद्र सरकार और विपक्ष ने सहमति बनाने पर बात की थी पर सहमति नहीं बनी थी। यू पी ए के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा 27 जून 2022 को अपना नामांकन भरेंगे। वह बीजेपी सरकार में वित्त मंत्री थे। 2018 में यशवंत सिन्हा ने बीजेपी छोड़ दी। आजकल वह तृणमूल कांग्रेस में ममता जी के साथ हैं।
यशवंत सिन्हा झारखंड से कई बार विधायक और सांसद रहे हैं। सत्तारूढ़ एन डी ए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू भी झारखंड की राज्यपाल रहीं थी।
द्रौपदी मुर्मू को बीजेपी ने राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाकर विपक्ष को बड़ा झटका दिया है। गरीब आदिवासियों के हितों की लड़ाई लड़ने वाले विपक्षी दल यशवंत सिन्हा का समर्थन कर और द्रोपदी मुर्मू का विरोध कर अपनी कथनी करनी को कैसे जनता को समझाएंगे। राष्ट्रपति के चुनाव वाले इस माहौल में भारतीय जनता पार्टी का पक्ष अभी मजबूत लग रहा है। देश में वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई 2022 को समाप्त हो रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मीडिया को बताया था कि 15 जून 2022 को चुनाव की अधिसूचना जारी होगी। 29 जून को नामांकन की आखिरी तारीख होगी और 18 जुलाई को मतदान होगा। 21 जुलाई 2022 को मतगणना के बाद ही देश के नए राष्ट्रपति के नाम का ऐलान होगा। देश के संविधान के अनुच्छेद 62 के अनुसार, अगले राष्ट्रपति पद का चुनाव कार्यकाल पूरा होने से पहले ही होना चाहिए। भारत के राष्ट्रपति पद के लिए पिछली बार चुनाव 17 जुलाई 2017 को मतदान हुआ था और परिणाम 20 जुलाई 2017 को आए थे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने विगत दिनों मीडिया को यह भी बताया था कि राष्ट्रपति चुनाव में वोट देने के लिए चुनाव आयोग ही अपनी ओर से पैन देगा। यदि कोई चुनाव आयोग द्वारा दिए पैन के अलावा किसी और पैन का प्रयोग करता है तो उसका वोट अमान्य घोषित कर दिया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने मीडिया को बताया था कि देश के राष्ट्रपति चुनाव में 776 सांसद और 4033 विधायक, यानी कि कुल 4809 मतदाता वोट देंगे। इस चुनाव में व्हिप लागू नहीं होगा और मतदान पूरी तरह से गुप्त होगा। राष्ट्रपति चुनाव के नंबर गेम में बीजेपी उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू का पलड़ा काफी भारी है।