बरेली कॉलेज के 16 साल पुराने मुकदमें में पूर्व छात्र नेता हुए दोषमुक्त
बरेली। बरेली कॉलेज बरेली में 16 साल पूर्व समाजवादी छात्र सभा के छात्र नेताओं द्वारा बरेली कॉलेज में छात्रवृत्ति वितरण में धांधली के खिलाफ उग्र आंदोलन किया था जिसके पश्चात बरेली कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर डॉ जोगा सिंह होठी ने समाजवादी छात्र सभा के 8 छात्र नेताओं पर तोड़फोड़ व सरकारी काम में बाधा आदि धाराओं में मुकदमा लिखाया था जिसमें सभी छात्र नेता जमानत पर थे 16 साल पूर्व लिखाए गए मुकदमे में प्रत्येक महीने तारीख पड़ती रही एवं नियमित रूप से सुनवाई होती रही छात्र नेताओं को लिखवाए गए मुकदमे मे दौरान बरेली कॉलेज के 19 लोगों को गवाह बनाया गया था जिसमें से कई कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए अथवा उनकी मृत्यु हो गई बाकी अन्य गवाह मुकदमे के दौरान दिए गए अपने बयान से मुकर गए बरेली कॉलेज के तत्कालीन चीफ प्रॉक्टर डॉ. जोगा सिंह होठी जिन्होंने छात्र नेताओं पर मुकदमा लिखाया था कुछ वर्ष पूर्व उनकी भी मृत्यु हो गई लेकिन मृत्यु से पूर्व वह छात्र नेताओं के पक्ष में अपने बयान दर्ज कराकर गए थे जिस कारण सभी छात्र नेता साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिए गए।
2006 में लिखवाए गए मुकदमें में प्रमुख रूप से कई बार छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ चुके लोकप्रिय पूर्व छात्र नेता चंद्रभान पटेल पालू जो कि वर्तमान में ट्रांसपोर्टर, उस समय समाजवादी छात्र सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष वर्तमान में छात्र राजनीति से निकलकर मुख्य राजनीति में आए समाजवादी पार्टी के महानगर महासचिव पार्षद गौरव सक्सेना, पूर्व छात्र नेता ओमकार पटेल जोकि वर्तमान में इंटर कॉलेज में शिक्षक, पूर्व छात्र नेता रविंद्र गंगवार जोकि वर्तमान में बेसिक मे शिक्षक, पूर्व छात्र नेता लोकेश पटेल जोकि वर्तमान में शिक्षक, पूर्व छात्र नेता जमुना प्रसाद मौर्य वर्तमान में अधिवक्ता, पूर्व छात्र नेता दिलीप पटेल वर्तमान में व्यवसाई, पूर्व छात्र नेता विनय पटेल वर्तमान में व्यवसाय कार्य में लगे हुए हैं।
इस मौके पर समाजवादी पार्टी के महानगर महासचिव पार्षद गौरव सक्सेना ने बताया छात्र हित में 16 साल पूर्व बरेली कॉलेज में किए गए प्रदर्शन के उपरांत कॉलेज प्रशासन द्वारा लिखाए गए मुकदमे मे दोषमुक्त किया जाने के पश्चात सच्चाई की जीत हुई है उस समय बरेली कॉलेज में छात्रवृत्ति में अत्यंत धांधली व्याप्त थी कर्मचारी नियमों का पालन किए बिना अपने चहेते छात्रों को स्कॉलरशिप का लाभ दिलवा देते थे जबकि आम छात्र जिसे छात्रवृत्ति मिलनी चाहिए थी उसे इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था जिसकी शिकायत के बाद समाजवादी छात्र सभा ने उस समय छात्र आंदोलन किया था जिसके पश्चात छात्रवृत्ति में व्याप्त धांधली समाप्त हो गई थी और नियमानुसार कॉलेज प्रशासन द्वारा छात्रवृत्ति छात्रों को दी जाने लगी थी लेकिन इतने लंबे चले मुकदमे के पश्चात इस बात का संतोष है कि उस समय छात्रों की लड़ाई छात्र हित में लड़ी गई थी जो कि सफल हुई थी।