न्याय के लिए एक बार फिर हुंकार भरी लीलावती ने

मुरादाबाद। 19 जुलाई को शेर सिंह प्रकरण में पत्नी लीलावती ने पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन द्वारा की गई वायदा खिलाफी के विरुद्ध अपनी मांगों को लेकर पुलिस क्षेत्राधिकारी सिविल लाइंस से मिलकर एक बार फिर मोर्चा खोला है। लीलावती ने बताया है कि वर्ष 2011 में हिमगिरी कॉलोनी निवासी बर्खास्त एवं भूमाफिया घोषित सिपाही महेंद्र पाल सिंह एवं उसके बेटे नीतीश कुमार ने हमारी करोड़ों रुपए की पौने तीन बीघा जमीन का बैनामा बिना रुपए दिए धोखाधड़ी से एग्रीमेंट के बहाने कचहरी बुलाकर उर्मिला देवी के नाम करा लिया था तभी से मैं और मेरे पति शेर सिंह न्याय हेतु लड़ाई लड़ रहे थे मेरी देवरानी वीरवती की बैनामा कराने के 15 दिन बाद ही जमीन के सदमे में मृत्यु हो गई उसके कुछ दिन बाद मेरे बेटे राजीव कि पैसे के अभाव में इलाज ना होने के कारण मृत्यु हो गई लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी परंतु ज्यादा लंबे समय तक न्याय न मिलने पर मेरे पति शेर सिंह दुःखी होकर अपने घर पर ही अनशन पर बैठ गए जिनकी अनशन के दौरान 15 दिन बाद मृत्यु हो गई। मेरे पति शेर सिंह की मृत्यु के समय जिला प्रशासन ने ₹200000 की आर्थिक सहायता एवं महेंद्र पाल सिंह ने हमारी जमीन की बिना श्रेणी बदलवाये एवं बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के एक ही दिन में 13 बैयनामे मुस्लिम समाज के व्यक्तियों को करके हमारी सारी जमीन बेच दी को संपत्ति राज्य सरकार घोषित कराने का वायदा किया था तथा पुलिस प्रशासन ने दोनों बाप बेटे की हिस्ट्री शीट खोलकर गैंगस्टर एवं गुंडा एक्ट का मुकदमा लगाकर जेल भेजने का वायदा किया था जो आज तक पूरा नहीं हुआ है जबकि मैं इस समय बहुत दुःखी व परेशान हूं तथा जंगल से लकड़ी लाकर बेचती हूं तब अपनी भूख शांत करती हूं कभी सब्जी नहीं मिलती तो प्याज से ही रोटी खाकर अपनी गुजर-बसर कर रही हूं ।

जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन से मेरी मांग है कि वह अपने वायदे पूरा करके महेंद्र पाल सिंह व नीतीश कुमार को जेल भेजे यदि जल्द मेरी मांगे पूरी नहीं की जाती है तो मैं भी अपने पति की तरह अनशन पर बैठूंगी और मेरा अनशन अंतिम सांस तक जारी रहेगा और मेरी मृत्यु के लिए महेंद्र पाल सिंह, नीतीश कुमार एवं जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार होगा।