जल्दी ही लोगों को 5G की सेवाएं मिलने लगेंगी, नीलामी आज

लंबे इंतजार के बाद देश में जल्दी ही लोगों को 5G की सेवाएं मिलने लगेंगी. इसके लिए सबसे जरूरी काम यानी 5जी के स्पेक्ट्रम की नीलामी (5G Spectrum Auction) आज हो रही है. इस नीलामी में मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की रिलायंस जियो (Reliance Jio), गौतम अडानी (Gautam Adani) की अडानी डेटा नेटवर्क (Adani Data Network), भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) हिस्सा ले रही हैं. सरकार कुल 72GHz स्पेक्ट्रम की नीलामी करने जा रही है. इसका मूल्य करीब 4.3 लाख करोड़ रुपये है. सरकार को 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी से ठीक-ठाक कमाई होने की उम्मीद है.

2G घोटाले ने इस कारण बटोरी सुर्खियां

इससे पहले सरकार ने 2G, 3G और 4G स्पेक्ट्रम की नीलामी से भी अच्छी-खासी कमाई की थी. सरकार को सबसे ज्यादा कमाई 2G स्पेक्ट्रम की नीलामी (2G Spectrum Auction) से हुई थी, लेकिन बाद में उसमें बड़े घोटाले (2G Scam) की बात सामने आई थी. टूजी स्पेक्ट्रम नीलामी इस कारण खूब विवादों में रही थी. उसके चलते तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार (Manmohan Singh Govt) की खूब किरकिरी हुई थी और केंद्रीय मंत्री समेत कई बड़े नेताओं को जेल भी जाना पड़ा था. 2G घोटाले को आजाद भारत के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बताया जाता है. Time Magazine ने तो रिचर्ड निक्सन के कुख्यात वाटरगेट स्कैंडल (Watergate Scandal) के बाद 2G घोटाले को सत्ता का दूसरा सबसे बड़ा दुरुपयोग करार दिया था.

2G घोटाले से हुआ इतना नुकसान

Comptroller And Audit General Of India के अनुसार, 2G घोटाले के कारण सरकारी खजाने को 1.76 लाख करोड़ रुपये का चूना लगा था. इस मामले में सीबीआई (CBI) ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष 80 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. तत्कालीन कैग (CAG) विनोद राय ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कई कंपनियों को औने-पौने दाम पर स्पेक्ट्रम दे दिए गए, जिससे सरकारी खजाने को 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. जांच में पाया गया कि अयोग्य कंपनियों को सस्ते में स्पेक्ट्रम आवंटित किए गए और बाद में उन कंपनियों ने किसी अन्य कंपनी को महंगे दाम पर स्पेक्ट्रम बेचकर मुनाफा कमा लिया. इस मामले में तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा (A Raja) और डीएमको सुप्रीमो के करुणानिधि (K Karunanidhi) की बेटी कनिमोझी (Kanimozhi) समेत कई हाई-प्रोफाइल लोगों को आरोपी बनाया गया था.

कैंसिल हुए लाइसेंस से इतनी कमाई

केंद्र सरकार ने बाद में उक्त घोटाले से हुए नुकसान की थोड़ी-बहुत रिकवरी कर सकी थी. इसके बाद फरवरी 2014 में फिर से 2G स्पेक्ट्रम की फ्रेश नीलामी हुई. 10 दिनों तक चली इस नीलामी में 68 राउंड बोलियां लगाई गईं. अंतत: सरकार को 2G स्पेक्ट्रम नीलामी से 61,162 करोड़ रुपये की कमाई हुई. सरकार को इस नीलामी से करीब 41 हजार करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी. इस नीलामी में तत्कालीन सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल, वोडाफोन और रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) समेत कुल 8 कंपनियों ने हिस्सा लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 2008 में जारी 122 लाइसेंस को कैंसिल कर दिया था. इस नीलामी में उन्हीं लाइसेंस के लिए बोलियां मंगाई गई थी.