आईपीएस शगुन गौतम की बढ़ेंगी मुश्किलें, शासन को सौंपी गई जांच रिपोर्ट

 

 

रामपुर में मार्च 2020 से अगस्त 2021 पुलिस कप्तान रहे आईपीएस अधिकारी शगुन गौतम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। डीआईजी मुरादाबाद शलभ माथुर ने रामपुर में फर्जी एनकाउंटर मामले की जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। इसमें शगुन गौतम समेत 11 पुलिसकर्मियों को दोषी माना गया है। अब शासन स्तर पर रिपोर्ट के अध्ययन के बाद गौतम पर कार्रवाई तय की जाएगी।

 

वर्तमान में शगुन गौतम विजिलेंस में एसपी के पद पर तैनात हैं। गौरतलब है कि रामपुर के शराब व्यवसायी संजीव गुप्ता ने आरोप लगाया था कि उन्हें घर से उठाकर एसपी कार्यालय ले जाया गया, जहां उनसे 10 लाख रुपये की वसूली की गई। ये पैसे उन्होंने घर से मंगवाकर दिए थे।
अगले दिन उनके साथ मुठभेड़ दिखाकर आबकारी अधिनियम में जेल भेज दिया गया। गुप्ता ने अपने आरोपों के साथ सीसीटीवी कैमरे के फुटेज और फोन कॉल की रिकॉर्डिंग साक्ष्य के रूप में उपलब्ध कराई थी। उसी के आधार पर डीआईजी मुरादाबाद ने जांच की और अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी है।

 

रामपुर की मिलक थाना क्षेत्र में 6 अप्रैल 2021 को पुलिस ने दावा किया था कि एक टैंकर में 32 लाख रुपये के कीमत की शराब तस्करी कर लाई जा रही थी. तस्करों को पकड़ने के दौरान मुठभेड़ में 3 लोग घायल हुए थे जिसमें रामपुर का व्यापारी संजीव गुप्ता भी था. जिसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. संजीव गुप्ता कई महीने बाद जेल से छूटे तो उन्होंने पुलिस के इस एनकाउंटर पर शिकायत करना शुरू किया. अफसरों को सीसीटीवी से लेकर कॉल रिकॉर्डिंग तक सुनाई. मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आया तो जांच डीआईजी मुरादाबाद से शलभ माथुर को सौंप दी गई.

डीआईजी शलभ माथुर ने जांच शुरू की तो सबसे पहले व्यापारी संजीव गुप्ता को बयान के लिए बुलाया गया. संजीव गुप्ता ने 4 अप्रैल 2021 की रात 11:30 अपने घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग डीआईजी को सौंपी.  जिसमें एसओजी की टीम संजीव गुप्ता को घर से ले जाते हुए दिखाई दे रही है. इसके बाद संजीव गुप्ता ने एसपी रामपुर शगुन गौतम से हुई अपनी बेटी की बातचीत की रिकॉर्डिंग दी. जिसमें उनकी बेटी एसपी के पर्सनल नंबर पर कॉल कर बता रही है कि पुलिस उसके पिता को आधी रात में बिना कुछ बताए उठा ले गई है.