मदरसों में भी अब महिला शिक्षकों को मिलेगी मैटरनिटी लीव, योगी सरकार ने जारी किया आदेश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग की तर्ज पर अब राज्य अनुदानित एवं मान्यता प्राप्त मदरसों में कार्यरत महिला शिक्षकों को भी मातृत्व एवं बाल्य देखभाल अवकाश प्रदान करने का निर्णय लिया है। बुधवार को इसके आदेश जारी कर दिए गए।

उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डा. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में 15 जून, 2022 को हुई बोर्ड बैठक में मातृत्व अवकाश व बाल्य देखभाल अवकाश प्रदान करने का प्रस्ताव पास किया गया था। इसी प्रस्ताव को बाद में मंजूरी के लिए शासन भेजा गया था। अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग के उपसचिव शकील अहमद सिद्दीकी ने बुधवार को इसके आदेश जारी कर दिए।

मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार को भेजे गए शासनादेश में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश अरबी-फारसी मदरसों के शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मियों के अवकाश के लिए वही नियम प्रभावी किए गए हैं जो माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा विभाग में लागू हैं।

इस तरह माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग में महिला कार्मिकों के लिए लागू मातृत्व अवकाश एवं बाल्य देखभाल अवकाश का लाभ उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त एवं राज्य सरकार से अनुदानित मदरसों में कार्यरत महिला शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मिकों दिया जाएगा। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी एवं सभी मदरसा प्रबंधकों व प्रधानाचार्यों को यह अवकाश अनिवार्य रूप से देने के निर्देश दिए गए हैं।

शिक्षकों व कर्मचारियों के हो सकेंगे परस्पर तबादले
प्रदेश सरकार ने मदरसों में परस्पर तबादले को भी हरी झंडी दे दी है। सहायता प्राप्त मदरसों के शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी के प्रार्थना पत्र पर संबंधित मदरसों के प्रबंधकों की पारस्परिक लिखित सहमति के आधार पर तबादले हो सकेंगे। आवेदन संबंधित प्रबंधकों के माध्यम से जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को उपलब्ध कराए जाएंगे। जिला समाज कल्याण अधिकारी आवेदनों का परीक्षण कर दो सप्ताह में रजिस्ट्रार को प्रस्ताव संस्तुति सहित उपलब्ध कराएंगे। इसके बाद मदरसा बोर्ड एक माह के अंदर तबादले पर निर्णय लेगा। स्थानांतरण समान पद, समान विषय व समान वेतनमान में ही किए जाएंगे। यदि किसी शिक्षक या कर्मचारी पर अनुशासनिक कार्रवाई चल रही है तो उनके प्रत्यावेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।