SC की दो टूक- IT एक्‍ट की धारा 66A के तहत कोई जांच या ट्रायल न हो

सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार को उन राज्यों के संबंधित मुख्य सचिवों के संपर्क में रहने का निर्देश दिया, जहां असंवैधानिक करार की गई आईटी एक्ट की धारा 66(A) के तहत अभी भी मामले दर्ज किए जा रहे हैं. भारत के प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने साथ ही इसका जल्द से जल्द समाधान निकालने को कहा है.

बता दें, न्यायमूर्ति रवींद्र भट की पीठ ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 (ए) को असंवैधानिक घोषित किया था. आईटी एक्ट, 2000 की धारा 66 (ए) सरकार को ‘आपत्तिजनक’ या ‘खतरनाक’ सामग्री ऑनलाइन साझा करने वालों को गिरफ्तार करने की शक्ति प्रदान करती थी. भाषण और अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताते हुए शीर्ष अदालत ने इसे रद्द कर दिया था.