भगवान श्रीकृष्ण कृपा से ही हमें मुक्ति मिलती है : अर्द्धमौनी

मुरादाबाद । रोटरी प्रेम नगर, कांठ रोड में आयोजित भजन सन्ध्या एवं हरिनाम संकीर्तन में श्रद्धेय धीरशान्त दास अर्द्धमौनी ने बताया कि जीव के प्रयासों से तो प्रभु कथा एवं प्रभु लीलाएं भी बुद्धि में नहीं बैठ पाती हैं। श्रीमद भगवद् गीता में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को कहते हैं कि जो निरंतर मेरी कथा और नाम स्मरण में प्रीति पूर्वक लगे रहते हैं। उन्हीं भक्तों को मैं कृपा करके वह बुद्धि प्रदान करता हूँ जिस बुद्धि से मेरी लीला समझ आती है।

कुछ लोग हैं जो नाम आश्रय किये बिना या कथा के बिना ईश्वर की खोज में लगे हैं। लेकिन वो मार्ग जिस पर चलने से गोविन्द मिलते हैं वो तो श्रीकृष्ण ही भक्त पर कृपा करके बतलाते हैं। कथा और नाम जप से हृदय विकार मुक्त होता है। भगवान् की कृपा से साधन मिलता है।

संसार में अपनी बुद्धि, रूप, कुशलता, चातुर्यता, पद, धन किसी भी वस्तु पर अहम मत करना। ये सब तुम्हारी बुद्धि के कारण नहीं भगवद अनुग्रह के कारण तुम्हें प्राप्त हुआ है। बुद्धि तो मिटने वाला तत्व है पर कृपा तो अहर्निश बरसती रहती है। भगवान् की कथा और नाम को कभी भी मत छूटने देना। हरिनाम ही इस मनुष्य जीवन की वास्तविक उपलब्धि भी है।

साधक की अपने साधन में निष्ठा, प्रियता, श्रेष्ठ बुद्धि रहना बहुत बढ़िया बात है। साधक की अपने साधन में महत्त्व-बुद्धि के अनुसार ही उसकी पारमार्थिक उन्नति होती है, लेकिन उसकी अन्य साधनों में, अन्य योग-मार्गों में कनिष्ठता की भावना, हेय बुद्धि नहीं रहनी चाहिए। यदि वह किसी को भी नीचा समझता है, तो उसके साधन की पूर्णता में ही बाधा आयेगी, क्योंकि जिसे वह नीचा समझता है, उसके लाभ से वंचित रह जायेगा। किसी भी व्यक्ति, परिस्थिति, स्थान आदि से साधक का द्वेष नहीं रहेगा तो उसके वासुदेवः सर्वम् सिद्ध हो जायेगा।

व्यवस्था में महेन्द्र सिंह, अजय सिंह, शेखर सिंह, प्रमोद सिंह, देव सिंह, दिव्यांशी सिंह, दिव्या सिंह, अनिषा सिंह, रेखा सिंह, पूनम सिंह, इन्द्रवती देवी, ज्ञान चन्द शर्मा, सुधा शर्मा, सपना चौधरी, किरन सिंह, देवांश अग्रवाल, अंकुश सिंह आदि मौजूद रहे।