भाजपा नहीं देना चाहती आरक्षण, मत्स्यमंत्री हवा में कर रहे बात

ड्राफ्ट तैयार करने में दिक्कत हो तो एक दिन में करा देंगे तैयार-लौटनराम निषाद

लखनऊ। राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौ.लौटनराम निषाद ने कहा है कि भाजपा निषाद जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण नहीं देना चाहती।जब 31 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने सम्बंधित अधिसूचनाओं को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया,तो मत्स्यमंत्री संजय निषाद ने खुशी जाहिर करते हुए निर्णय का स्वागत किया था।वह जगह जगह घूमकर बयानबाजी करते रहे कि मझवार, तुरैहा, गोंड को परिभाषित करने सम्बन्धी ड्राफ्ट तैयार हो रहा है, एक सप्ताह में केन्द्र सरकार को भेज दिया जाएगा।उन्होंने निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद झूठा बयानबाजी कर निषाद समाज को भ्रमित करने का आरोप लगाया है।उन्होंने कहा कि अभी तक संजय निषाद की मुख्यमंत्री से आरक्षण मुद्दे पर कोई चर्चा ही नहीं हुई है।वे सिर्फ हवा में बयानबाजी करते आ रहे हैं।वे मुख्यमंत्री से मुलाकात में सिर्फ अपने मुकदमे वापसी की बात किये हैं।जब 17 दिसम्बर 2021 को रमाबाई मैदान में निषाद पार्टी-भाजपा की संयुक्त रैली हुई थी,उसी दिन साफ हो गया था कि भाजपा निषाद जातियों को आरक्षण देने के पक्ष में नहीं है।अगर भाजपा को निषाद समुदाय की मल्लाह,केवट,बिन्द, धीवर, कहार,गोड़िया,रायकवार आदि को अनुसूचित जाति का आरक्षण देना होता तो गृहमंत्री 17 दिसम्बर को ही घोषणा कर दिए होते।

निषाद ने कहा कि “कांठ की हाँड़ी एक बार चढ़ती है,बार बार नहीं”।भाजपा ने निषादराज-श्रीराम की मित्रता के नाम पर निषादों का वोट हथिया कर उनके अधिकार छिनने का ही काम किया है।विधानसभा चुनाव-2012 में भाजपा ने वायदा किया था कि निषाद समुदाय की जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण दिलाया जाएगा। 5 अक्टूबर,2012 को भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने फिशरमैन विज़न डाक्यूमेंट्स जारी करते हुए वादा किये थे कि 2014 में भाजपा की सरकार बनने पर आरक्षण की विसंगति को दूरकर निषाद मछुआरा जातियों को एससी/एसटी का आरक्षण दिलाया जाएगा।लेकिन भाजपा ने निषादराज के वंशजों के साथ वादाखिलाफी किया।सांसद रहते हुए योगी आदित्यनाथ बार बार संसद में निषाद, मल्लाह,केवट, बिन्द,कश्यप जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने की माँग उठाते थे,लेकिन 2017 से भाजपा की डबल इंजन की सरकार है तो चुप्पी साध गए हैं।उन्होंने कहा कि मत्स्यमंत्री द्वारा बार बार झूठ पर झूठ बोला जा रहा है सरकार आरक्षण देने के लिए तैयार है,ड्राफ्ट तैयार हो रहा है,एक सप्ताह में केन्द्र सरकार को स्वीकृति के लिए भेज दिया जाएगा।कहा कि संजय निषाद की सरकार ड्राफ्ट तैयार नहीं कर पा रही है तो हम एक दिन में तैयार करा देंगे।

निषाद ने कहा कि जिन 18 ओबीसी जातियों के आरक्षण के लिए अखिलेश यादव व योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अधिसूचना जारी किया था,वे सभी राष्ट्रपति द्वारा 10 अगस्त 1950 को जारी अनुसूचित जाति की सूची में सम्मिलित मझवार, तुरैहा,गोंड़, शिल्पकार, पासी तड़माली की ही पर्यायवाची जातियाँ उपजातियां हैं।उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की 66 अनुसूचित जाति की सूची में शामिल मझवार, तुरैहा,भुइयां, गोंड़,खैरहा,खोरोट,पनिका, खरवार,बेलदार निषाद समुदाय की ही जातियाँ हैं।उन्होंने कहा कि राजनीतिक साजिश व प्रशासनिक षडयंत्र के कारण निषाद जातियों को संवैधानिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि आरजीआई व सेन्सस कमिश्नर एक व्यक्ति दो पदनाम हैं।सेन्सस-1961 में माँझी,मल्लाह, केवट,राजगौड़, मुजाबिर,गोंड़ मंझवार को अनुसूचित जाति मझवार की पर्यायवाची व वंशानुगत जाति नाम मानने के बाद भी इनके साथ सामाजिक अन्याय किया जा रहा है।