वैक्सीन पर सियासत: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने लगाए केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप

दिल्ली: देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के साथ ही अब वैक्सीन को लेकर भी सियासत तेज हो गयी है। जी हां दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने बाकायदा एक प्रेस कांफ्रेसं में दिल्ली को जानबूझकर वैक्सीन न देने की बात कही है।

 

100 से ज्यादा सेंटर हो चुके बंद

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आगे कहा, हमारे पास कोवैक्सीन का स्टॉक पूरी तरह खत्म हो चुका है। इसकी वजह से हमें 17 स्कूलों में कोवैक्सीन के 100 से ज्यादा सेंटर बंद करने पड़े हैं। कोवैक्सीन की कंपनी ने कल हमें चिट्ठी लिखी है और साफ-साफ कह दिया है कि हम और वैक्सीन नहीं दे सकते क्योंकि हमें केंद्र सरकार के निर्देश पर वैक्सीन देनी है। कोवैक्सीन की सप्लाई अब दिल्ली में बंद है। हमने उनसे 67 लाख वैक्सीन मांगी थी।

67 लाख डोज मांगी थी

उन्होंने कहा कि दिल्ली के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए हमने एक करोड़ 34 लाख वैक्सीन की डोज मांगी थी। 67 लाख कोविशील्ड से मांगी थी और 67 लाख कोवैक्सीन से मांगी थी। कोवैक्सीन ने कल हमें चिट्ठी लिखकर साफ कह दिया है कि हम वैक्सीन नहीं दे सकते क्योंकि हमारे पास वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।

कोवैक्सीन ने लिखी चिट्ठी

सिसोदिया ने बताया कि चिट्ठी में ये लिखा है कि कोवैक्सीन संबंधित सरकारी अधिकारियों के निर्देश पर राज्यों को सप्लाई किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जाहिर सी बात है कि ये अधिकारी केंद्र सरकार के अधिकारी होंगे। चिट्ठी में ये भी लिखा है कि हम आपको और वैक्सीन दे ही नहीं सकते क्योंकि अधिकारियों की तरफ से निर्देश नहीं है।

सप्लाई है बंद

सिसोदिया ने कहा कि कोवैक्सीन की सप्लाई अब दिल्ली को बंद है, मुझे नहीं पता बाकी राज्यों को कैसे दी जा रही है। लेकिन हमको तो उन्होंने (कोवैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक) लिख कर दे दिया है कि आपको वैक्सीन नहीं दे सकते।

केंद्र सरकार से की अपील

सिसोदिया ने आगे जोर देते हुए कहा कि मैं फिर केंद्र से आग्रह करूंगा कि वह एक राष्ट्र की सरकार की भूमिका निभाएं। यह ठीक नहीं है कि राज्य अंतरराष्ट्रीय मार्केट में जाकर टेंडर निकालें। लेकिन आप नहीं करोगे तो ये काम भी राज्य करेंगे। लेकिन केंद्र की भूमिका अहम है एक्सपोर्ट बंद करें और वैक्सीन कंपनियों से फॉर्मूला लेकर अन्य कंपनियों को भी वैक्सीन बनाने की छूट दें, ताकि वैक्सीन का निर्माण बड़ी संख्या में हो।