झारखंड के बाद छत्तीसगढ़ में ओबीसी आरक्षण का विस्तार, बधाई

छत्तीसगढ़/ लखनऊ। भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.लौटनराम निषाद ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जो बधाई देते हुए आभार प्रकट किया हैं। मण्डल कमीशन के मामले में ओबीसी के लिए सरकारी सेवाओं में 27 प्रतिशत कोटा के सम्बंध में इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार (एआईआर-477एससी) के वाद के निर्णय में 16 नवम्बर,1992 के शीर्ष अदालत के निर्णय के बाद भी मध्यप्रदेश, झारखण्ड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र में आरक्षण का वितरण किया गया था। मध्यप्रदेश, झारखंड में 14 प्रतिशत,छत्तीसगढ़ में 13 प्रतिशत, महाराष्ट्र, राजस्थान में 21-21 प्रतिशत ही कोटा दिया गया था। ओबीसी संगठन लंबे समय से 27 प्रतिशत कोटा की माँग को लेकर आंदोलन करते आ रहे हैं। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण की अधिसूचना जारी की गई थी,जिसे भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा चुनौती दिए जाने पर उच्च न्यायालय ने स्थगनादेश कर दिया। उन्होंने बताया कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले महीने आरक्षण विस्तार की अधिसूचना जारी किए थे।

निषाद ने बताया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने भी आज आरक्षण विस्तार के मुद्दे पर अहम फैसला किये हैं।छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ में आरक्षण का नया कोटा का निर्णय लिया है।सरकार ने मंत्रिमंडल की अहम बैठक में आदिवासी समाज को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत, ओबीसी को 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस को 4% आरक्षण कोटा के विधेयकों को मंजूरी दिया है।

निषाद ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी ने भी ओबीसी आरक्षण की समस्या को दूर करने के लिए नया विधेयक पारित करने की माँग किया है।उन्होंने छत्तीसगढ़, झारखण्ड व राजस्थान सरकार से कैबिनेट में विधेयक पारित करने के बाद ओबीसी आरक्षण को नवीं अनुसूची में दर्ज करने के लिए राष्ट्रपति को प्रस्ताव भेजने का आग्रह किया है।