आगरा समेत प्रदेश के दस जिलों में बड़े पैमाने पर वित्तीय लेन देने के गड़बड़ी

लखनऊ। आयकर विभाग में करदाताओं की ओर से दाखिल की गई आयकर विवरणी में बड़ा अंतर मिला है। ई-सत्यापन योजना में इसका खुलासा हुआ है। मंगलवार को आगरा में आयकर निदेशक आसूचना एवं आपराधिक अन्वेषण वेस्ट यूपी एवं उत्तराखंड शुभाना सेन ने सीए व अधिवक्ताओं के साथ बैठक की। कहा कि अलीगढ़, आगरा, अलीगढ़, मैनपुरी, एटा, फरुर्खाबाद, मथुरा, हाथरस फिरोजाबाद व कासगंज में बड़े पैमाने पर वित्तीय लेन देने के आकड़े विभाग के पास है। आय निदेशक आसूचना एवं आपराधिक अन्वेषण वेस्ट यूपी एवं उत्तराखंड ने कहा कि आयकर विवरणी का आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से विशलेषण किया जा रहा है, जिसमें गड़बड़ी मिली है। इसको लेकर नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं। करदाता एडिशनल टैक्स जमा कर विभागीय अर्थ दंड से बच सकते हैं। विभाग के पास अचल संपत्ति क्रय विक्रय, लग्जरी कारों की खरीद, बैंकों से किए गए लेन देन, बैंक खातों से प्राप्त की जाने वाली ब्याज के बारे में विभाग को इनपुट मिला है। आयकर अधिनियम की धारा 133(6) के तहत नोटिस भेजेजा रहे हैं। करदाता को स्क्रूटनी से बचनेके लिए अंतिम अवसर दिया जा रहा है। आयकर विवरणी की गलतियों को सुधारकर एडिशनल टैक्स जमा कर विभागीय कार्रवाई से बच सकते हैं। करदाताओं का ब्योरा विभाग के पास आ चुका है। 500 सेअधिक को नोटिस जारी किया जा चुका है और भी नोटिस जारी होंगे। अलीगढ़ से आयकर अधिकारी आसूचना एवं आपराधिक अन्वेषण भगवान केसरी बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे और आयकर निदेशक स्वागत किया।