गैंगरेप केस में 11 सजायाफ्ता की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची बिलकिस बानो

गैंगरेप केस में पीड़ित बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है और 13 मई के आदेश पर दोबारा विचार की मांग की। इस आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गैंगरेप के दोषियों की रिहाई के मामले में 1992 में बने नियम लागू होंगे। इसी के आधार पर हुई है 11 दोषियों की रिहाई। मामला आज चीफ जस्टिस के सामने रखा गया। उन्होंने कहा कि वह विचार करेंगे कि रिव्यू पेटिशन को उसी बेंच के सामने लगाया जाए।

इससे पहले 13 मई को सुप्रीम कोर्ट ने एक दोषी की याचिका को सुनते हुए कहा था कि सज़ा 2008 में मिली, इसलिए रिहाई के लिए 2014 में गुजरात में बने कड़े नियम लागू नहीं होंगे। 1992 के नियम लागू होंगे। गुजरात सरकार ने इसी आधार पर 14 साल की सज़ा काट चुके लोगों को रिहा किया था। अब बिलकिस बानो 13 मई के आदेश पर पुनर्विचार की मांग कर रही हैं।उनका कहना है कि जब मुकदमा महाराष्ट्र में चला, तो नियम भी वहां के लागू होंगे गुजरात के नहीं।

बिलकिस ने खटखटाया SC का दरवाजा

इससे पहले बिलकिस बानो ने कहा था कि उनके और उनके परिवार के सात लोगों से जुड़े मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों की समयपूर्व रिहाई ने न्याय पर उनके भरोसे को तोड़ दिया है। बिलकिस बानो ने अब सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में समय से पहले हुई रिहाई को लेकर प्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

15 अगस्त को दी थी रिहाई

दरअसल, मामले के 11 दोषियों को बीजेपी नीत गुजरात सरकार ने सजा माफी दे दी थी, जिसके बाद 15 अगस्त को उन्हें गोधरा उप-कारागार से रिहा किया गया था। इसके बाद से ही इस मामले को लेकर राज्य और केंद्र सरकार पर सवाल खड़े होने लगे थे। विपक्ष ने भी इसे लेकर सरकार को खूब घेरा था। बिलकिस ने भी इस फैसले की आलोचना की थी।