राम मंदिर के चारो और आयताकार 800 मीटर के परकोटे को बनाने का कार्य प्रगति पर

  • राममंदिर आंदोलन पर एक फिल्म भी बनाई जाएगी।
  • रामलला मूर्ति के मुख पर पड़ेंगी सूर्य की किरणें।

निर्भय सक्सेना : श्रीराम जन्मभूमि में निर्माणाधीन राममंदिर का कार्य तेजी से चल रहा है। अब तक राम लला मंदिर का 60 प्रतिशत और गर्भगृह का 20 प्रतिशत निर्माण पूरा हो चुका है। रामलला के प्रस्तावित गर्भगृह में सफेद संगमरमर के आठ नक्काशीदार पिलर लगाए जायेंगे। उनका कार्य चल रहा है। मंदिर के चारो और आयताकार 800 मीटर के परकोटे को बनाने का कार्य भी प्रगति पर है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय के अनुसार राममंदिर आंदोलन पर एक फिल्म भी बनाई जाएगी। जिस पर भी बीते दिनो हुई बैठक में मंथन हो चुका है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय के मीडिया में जारी व्यान के अनुसार कि इस फिल्म के जरिए 500 वर्ष के प्राचीन मंदिर निर्माण के इतिहास को युवा पीढ़ी तक पहुंचाया जाएगा। इसमें सूत्रधार की आवाज के लिए फिल्मी कलाकार अमिताभ बच्चन की आवाज देने को भी संपर्क साधा भी जा रहा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास एवम निर्माण समिति का कहना है कि उन्होंने अमिताभ बच्चन से मंदिर के इतिहास पर बन रही फिल्म के लिए उनकी आवाज देने का अनुरोध किया है। इस फिल्म में राम मंदिर आंदोलन के दौरान हुए संघर्षों की कहानी भी दिखाई जाएगी। दूरदर्शन पर इस फिल्म को दिखाने की योजना है । इस फिल्म को लेकर राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में चर्चा भी हुई थी।

राम मंदिर के 500 साल के संघर्ष वाले इतिहास को जन जन तक पहुंचाया जाएगा। इस कार्य की जिम्मेदारी लेखक और फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी को दी गई है। उनके साथ छह सदस्यीय टीम काम करेगी और राम मंदिर समिति ने इस फिल्म बनाने को लेकर अपनी मंजूरी भी दे दी है। राममंदिर आंदोलन वाली इस फिल्म का निर्देशन धारावाहिक चाणक्य के निर्माता निर्देशक डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी करेंगे जबकि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सचिव सच्चिदानंद जोशी इस फिल्म के दौरान कोऑर्डिनेशन का काम करेंगे। स्मरण रहे अयोध्या में रामलला के निर्माणाधीन मंदिर का लगभग आधा से अधिक कार्य पूरा हो चुका है। मंदिर में एक ऐसे स्थान पर आइना भी लगाया जाएगा जिस पर रामनवमी के दिन सूर्य की किरण पड़ते ही वह परावर्तित होकर रामलला मूर्ति के मुखमंडल पर पड़ेगी जिससे उनका रूप और निखर जाएगा। उम्मीद है मकर संक्रांति 2024 के बाद राम भक्त विशाल गर्भगृह में अपने आराध्य के दर्शन भी 30 फुट दूर से पा सकेंगे। स्मरण रहे बीते 23 अक्टूबर 2022 रविवार को अयोध्या के छठे दीपोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दीप जलाने की शुरुआत की थी। इसके बाद सरयू तट पर राम की पेड़ी पर 15.76 लाख सहित कुल 18 लाख से अधिक दिए इस बार प्रज्वलित हुए थे।अयोध्या में लेजर लाइट एवम आतिशबाजी कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे। इससे पूर्व नरेंद्र मोदी जी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी के साथ फाइबर वाले अस्थाई मंदिर में रामलला के चरणों में अपना शीश भी नवाया था। भगवान राम के स्वरूप की आरती भी की। छठे दीपोत्सव पर अयोध्या नगरी दियो एवम लेजर शो के प्रकाश से जगमग रही थी।अयोध्या में श्री राम मंदिर शिलान्यास और भूमि पूजन के बाद 5 अगस्त 2020 के बाद अब 23 अक्तूबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दूसरी बार अयोध्या आना हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी ने हेलीकाप्टर से आए राम सीता के स्वरूपों का आरती कर राज्याभिषेक भी किया था। उन्होंने कहा राम ने त्रेता युग में पूरे विश्व को दया, मानवता, सब को साथ लेकर चलने का संदेश दिया था। इस बार 3 दर्जन से ज्यादा घाट पर 15.76 लाख दिए जलाकर रिकार्ड बनाया गया जो गिनीज बुक में दर्ज हुआ । पूर्व के अयोध्या के पांचवे दीपोत्सव पर 9 लाख 41हजार 551 दीप जलाकर भी गिनीज बुक में रिकार्ड दर्ज हुआ था। राम की पैड़ी पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का लाइट एंड साउंड लेजर लाइट की जगमग और आतिशबाजी भी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरयू घाट पर जाकर मां सरयू की आरती भी की।

रामनगरी अयोध्या के विकास को लेकर जो विजन डॉक्यूमेंट 2047 बनाया गया है जिसके तहत अयोध्या में करीब 20 हजार करोड़ की योजनाओं पर भी काम चल रहा है। राम मंदिर के अलावा पांच ऐसे प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है, जो कि धार्मिक नगरी अयोध्या की शक्ल ही बदल देंगे। राम नगरी में श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई असुविधा ना हो इसको लेकर 4 पथ का निर्माण किया जा रहा है। सुग्रीव किला से राम जन्मभूमि तक लगभग 800 मीटर लंबा पथ निर्माण किया जा रहा है जिसका निर्माण जनवरी 2022 से शुरू हुआ था और दिसंबर तक इसको पूरा करने का प्रयास है। 39 करोड़ रुपए की इस योजना पर कार्य भी जारी है। रामनगरी अयोध्या में श्रीराम एयरपोर्ट का निर्माण भी भरतपुर के गुलाबी पत्थर से राम मंदिर के मॉडल पर किया जा रहा है। दिसंबर 23 तक श्री राम इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले फे ज का काम भी पूरा होने की बात की जा रही है। स्मरण रहे अयोध्या में रामलला के जन्म स्थल पर भगवान राम के मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। रामलला के गर्भगृह का निर्माण कार्य प्रगति पर है। कमल आकर वाले गर्भगृह के निर्माण में तराशे गए पत्थरों को एक के बाद एक सात सतह में लगा दिया गया है। राम मंदिर निर्माण की प्रगति पर बात करते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने कहा कि पत्थरों से निर्माण किए जा रहे मंदिर का संपूर्ण कार्य एक साथ किया जा रहा है। राम मंदिर के भूतल में प्रवेश द्वार से लेकर सिंह मंडप तक गर्भगृह के साथ निर्माण किए जाएंगे। सूत्रों की अगर माने मकराना के पत्थर के सफेद नक्काशीदार स्तंभों का निर्माण के बाद आगमन भी शुरू हो गया है। गर्भगृह में सफेद स्तंभ लग भी गए। 15 फुट ऊंचे चबूतरे पर बनने वाले गर्भगृह समेत पूरे राम मंदिर भूतल के निर्माण को बारीकी से कराया जा रहा है। मंदिर हजार वर्ष तक दीर्घायु हो इस वजह से वैज्ञानिक पद्धति से इसेबिना सीमेंट, सरिया, स्टील के केवल तांबे की पत्ती से पत्थर जोड़ कर बनाया जा रहा है। जिसके लिए जरूरी है कि मंदिरों की हर एक परत एक तरह की हो जिसमें अंशभर का भी अंतर नहीं हो। इस वजह से तय मानक के अनुरूप मंदिर निर्माण एक्सपर्ट की देखरेख में चल रहा है। मंदिर का परकोटा 14 मीटर चौड़ा एवम 800 मीटर का होगा। जो मंदिर से 27 मीटर दूर होगा।

कुल 20 एकड़ में से आठ एकड़ में बनने वाले अष्टकोणीय 161 फुट ऊंचे राम जन्मभूमि मंदिर में भूतल पर रामलला का मंदिर दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार होगा। मंदिर के भूतल का निर्माण कार्य चल रहा है जिसको लेकर कार्यदाई संस्था लार्सन एंड टूब्रो (एल एन टी) और टाटा के इंजीनियर 24 घंटे कार्य कर रहे हैं। राम मंदिर निर्माण में भूतल पर पूरब – पश्चिम दिशा में लंबाई 380 फिट है। भूतल पर उत्तर दक्षिण दिशा में चौड़ाई 250 फीट है जिसमें पत्थर के नक्काशीदार भूतल पर 161 स्तंभ, प्रथम तल में 144 और दूसरे तल में 82 स्तंभ यानी मंदिर में कुल 392 सफेद मार्बल वाले स्तंभ होंगे। 42 दरवाजे लकड़ी के होंगे।

श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने पत्रकारों से कहा कि पत्थर से बनाए जा रहे मंदिर का संपूर्ण काम एक साथ किया जाता है। पत्थर से बनाये जाने वाले मंदिर के निर्माण का काम टुकड़ों में नहीं किया जाएगा। इसलिए राममंदिर के प्रत्येक तल का निर्माण एक साथ हो रहा है। जिसमें प्रमुख तौर पर गर्भ गृह के साथ प्रवेश द्वार, रंग मंडप बनाया जा रहा है। भूतल के निर्माण के बाद उसकी जांच की जाएगी। गर्भगृह के बाद प्रथम तल पर भी राम दरबार वाली मूर्ति लगाई जानी हैं ताकि गर्भगृह पर भक्तो के पैर नहीं पड़ सके । न्यास के महासचिव ने दावा किया कि पत्थर से निर्मित किए जाने वाले मंदिर की हर मंजिल में सतह एक सी होगी।

श्री चंपत राय ने कहा कि नक्काशीदार पत्थरों की सात सतह एक के ऊपर एक रखी जा चुकी है। मंदिर के निर्माण कार्य की प्रक्रिया तेजगति से चल रही है । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी अयोध्या के विकास योजनाओं पर सीधी नजर है। रामनगरी अयोध्या को एक सुनियोजित शहर के रूप में विकसित करने एवम प्रस्तावित महानगर योजना- 2031 में जोनल प्लान तैयार करने के अधिकारियो को भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी जी ने अयोध्या में समीक्षा बैठक में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के आस पास के क्षेत्रों में एक समान भवन कोड लागू करने, राम जन्मभूमि के आसपास के क्षेत्र को धार्मिक भू-उपयोग किए जाने का प्रावधान करने को भी कहा। महायोजना में शहर को  नगरीय विकास के एक ‘मॉडल शहर’ के तौर पर विकासित करने की रूपरेखा तैयार को समीक्षा के दौरान अधिकारियो से कहा। मुख्यमंत्री योगी जी ने अयोध्या के विकास के लिए 84 कोसी सीमा को आधार बनाते हुए अयोध्या विजन डॉक्यूमेंट में तय कार्ययोजना का समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन करने को कहा है।