एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा बाइस साल पुराने मामले में पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी को सात साल की सजा

करीब बाइस साल पुराने मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी को सात साल की सजा सुनाई है। अदालत ने पूर्व विधायक पर लगे फर्जी को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेजने का आदेश दिया हैै। विधायक के परिवार ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने का फैसला लिया है।

आठ हजार का जुर्माना भी लगाया

हाजी इकराम कुरैशी जिले के कद्दावर नेता हैं और जनता में लोकप्रिय भी। पूर्व मंत्री हाजी इकराम कुरैशी को बिजली चोरी के मामले में एसीजेएम फोर कोर्ट ने सात साल की सजा और आठ हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। हाजी इकराम अखिलेश यादव सरकार में दर्जा राज्यमंत्री भी रहे थे। हाजी इकराम के खिलाफ दो जून 2000 में विद्युत विभाग ने फर्जी रसीद बनाने का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि हाजी इकराम कुरैशी के ऊपर विद्युत बिल करीब 6 लाख 88 हजार 54 रुप.ये का था। हाजी इकराम कुरैशी और विद्युत विभाग के एसएसओ राम अवतार शर्मा ने मिलकर रुपये जमा करने की नकली रसीद बना ली। एमपीएमएलए विशेष कोर्ट की विद्वान न्यायधीश स्मिता गोस्वामी ने इस मामले में हाजी इकराम कुरैशी को सात साल कैद की सजा सुनाई है।

एसएसओ राम अवतार दोषमुक्त करार

विशेष लोक अभियोजक मोहनलाल विश्नोई ने बताया कि बुधवार देर शाम इस मुकदमे का फैसला अदालत ने सुनाया। जिसमें विद्युत विभाग के एसएसओ राम अवतार शर्मा को साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिया गया और पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी को दोषी करार देते हुए सात साल के कठोर कारावास की सजा के साथ आठ हजार रुपये का जुमार्ना भी लगाया है। सुबह से देर शाम तक पूर्व मंत्री हाजी इकराम न्यायिक अभिरक्षा में थे। अदालत के आदेश के बाद उन्हें जेल भेजा गया है। वह बीते चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे और हाथ के निशान पर चुनाव भी लड़ा था। हाजी इकराम 2017 के चुनाव में मुरादाबाद देहात सीट से विधायक चुने गए थे।